भारत के इस जगह मिलती है दुनिया की बेस्ट चाय, एक बार पी लेंगे तो भूल जाएंगे सभी दुख-दर्द
सुबह की शुरुआत हो या दिन खत्म होने का एहसास. एक कप चाय बेहद जरूरी होता है.आइए जानते हैं दुनिया की बेस्ट चाय भारत में किस जगह पर मिलती है?
'इस बेफिक्र दुनिया को खुल कर जी लेते हैं',सब काम छोड़ो, पहले चाय पी लेते हैं. जी हां सुबह की शुरुआत हो या दिन खत्म होने का एहसास. एक कप चाय बेहद जरूरी होता है. परेशानी हो या खुशी चाय पीने वालों चाय पीने का का एक मौका भी छोड़ते नहीं है. खासकर चाय लवर्स के लिए आज का दिन बेहद खास है क्योंकि आज यानि 21 मई 2023 को इंटरनैशनल टी डे के रूप में मनाया जाता है. भारत जैसे देश में तो हर दिन टी डे ही है. लेकिन क्योंकि आज खास दिन है इसलिए आपको बताएंगे दुनिया की बेस्ट चाय भारत के किस जगह मिलती है?
दार्जिलिंग में मिलती है दुनिया की बेस्ट चाय
चाय एक ऐसी चीज है जिसका अपना एक लंबा इतिहास है. साथ ही इसके अपने सांस्कृति और आर्थिक महत्व है. चाय की खेती की वजह से कई विरासशील देशों का ग्रामीण विकास हुआ है साथ ही गरीबी में कमी आई है. इसलिए हर साल 21 मई को अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस के रूप में मनाया जाता है. दार्जिलिंग हिमालय की तलहटी में बसा हुआ है और दुनिया के सबसे अच्छे चायपत्ति दार्जिलिंग के बागानों में ही उगते हैं. दार्जिलिंग की काली चाय शहर की पारंपरिक चाय है. आपने यहां कि एक कप ब्लैक टी पिया लिया बाकी के चाय आप भूल जाएंगे.
असम की चाय बगानी एक बार जरूर घूमें
असम राज्य ऐसा राज्य है जो दुनिया का सबसे बड़ा चाय उत्पादक करने वाला राज्य है. जब भी असम घूमने जाए तो एक बार चाय की बगानी में जरूर जाएं और चाय की संस्कृति में जरूर डुबकी लगाएं. आगंतुक पत्तियों को तोड़ने से लेकर किण्वन तक, चाय बनाने की कला के बारे में सीख सकते हैं. ताइवान बबल टी या पर्ल मिल्क टी का घर है. 1980 के दशक में इस राज्य में एक पेय का आविष्कार किया गया था. बबल टी ताइवान की संस्कृति और पहचान का प्रतीक है. इस क्षेत्र में उगाई जाने वाली चाय की दो स्वदेशी किस्मों में माउंटेन टी और रेड स्प्राउट टी शामिल हैं.
चाय बनाने के पूरे प्रोसेस को देखना है तो एक बार ऊटी जरूर जाएं
ऊटी तमिलनाडु राज्य का एक हिल स्टेशन है. तीन राष्ट्रीय उद्यानों और अपनी खुद की टॉय ट्रेन से घिरा, यह चाय के शौकीनों और ट्रेवल के लिए शानदार जगह है. ऊटी और कुन्नूर के चाय केंद्र चाय के कमरों से भरे हुए हैं जहां आप दिन भर की थकान के बाद फिर से तरोताज़ा हो सकते हैं. ऊटी की यात्रा डोडाबेट्टा टी म्यूज़ियम एंड फैक्ट्री में आए बिना अधूरी है, जहां आप चाय बनाने की प्रक्रिया को शुरू से अंत तक देख सकते हैं.
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