Debina Bonnerjee: देबिना बनर्जी (Debina Bonnerjee) और गुरमीत चौधरी (Gurmeet choudhary) दूसरी बार माता- पिता बन गए हैं. देबिना और गुरमीत ने बड़े ही प्यार से अपनी नन्ही परी का स्वागत किया है. देबिना ने दूसरी बेटी के जन्म के बाद इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया है. जिसमें उन्होंने अपनी खुशी जाहिर की है. देबिना ने लिखा- हम फिर से माता- पिता बन गए हैं. इस दुनिया में हमारी बच्ची का स्वागत कीजिए. समय से पहले हमारी बच्ची ने जन्म ले लिया है. प्लीज अपना आशीर्वाद और प्यार बनाए रखें.


आपको बता दें कि अपनी डिलीवरी से एक दिन पहले देबिना ने अपने YouTube चैनल पर एक वीडियो अपलोड किया था. जिसमें उन्होंने बताया कि दूसरी प्रेग्नेंसी उनके लिए काफी टफ था और इस दौरान उनकी स्किन कलर भी चेंज हो रहा था. देबिना बताती हैं कि इस दौरान मेरा स्किन कलर काला पड़ने लगा था. मुझे ऐसा महसूस हो रहा था कि मुझे टैन हो गया है. मेरी बॉडी पर जगह- जगह ब्लैक स्पॉट पड़ गए थे. खासकर मेरे अंडरआर्म्स, गर्दन इस तरह से काले पड़नेे लगे थे कि देखकर लगता था कि क्या हो गया है? लेकिन मुझे यह विश्वास था कि समय के साथ ये ठीक हो जाएगा. 






स्किन कलर बदलने को मेलास्मा कहते हैं


अब सवाल यह उठता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान ऐसा क्यों होता है? हमने इस बारे में काफी रिसर्च कि तो पता चला कि इसे  'मेलास्मा' या 'क्लोस्मा' कहा जाता है. ऐसा खासकर प्रेग्नेंसी के दौरान होता है जब बॉडी में हार्मोन में बदलाव होते हैं और मेलाटोनिन बढ़ जाता है, तो स्किन पर कालेपन की समस्या शुरू होती है. प्रेग्नेंसी हार्मोन बढ़ने के कारण मेलाटोनिन बढ़ जाता है. ये वजन बढ़ने और शुगर लेवल बढ़ने के कारण भी शरीर में मेलाटोनिन बढ़ने लगता है जिसकी वजह से शरीर का रंग बदलने लगता है. 






प्रेग्नेंसी के दौरान कभी भी बदल सकता है स्किन कलर


ऑब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट 'मिलन फर्टिलिटी एंड बर्थिंग हॉस्पिटल' की सीनियर कंसल्टेंट वैरिनी एन ने कहा- स्किन का कलर बदलना प्रेग्नेंसी के शुरुआती लक्षणों में से एक माना जाता है. यह पूरे प्रेग्नेंसी के दौरान भी रह सकता है और यह कुछ महीने तक भी रह सकता है. वैरिनी एन ने कहा- 90 प्रतिशत महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान स्किन का रंग बदलने की प्रॉब्लम शुरू होती है.ज्यादातर महिलाओं में यह समस्या 6 महीने तक रहता है.यह भी कह सकते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान यह कभी भी शुरू हो सकता है. और जैसे ही डिलीवरी होती है यह धीरे-धीरे खत्म होने लगते हैं. 










महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान स्किन कलर में किसी भी तरह का बदलाव देखें तो करें ये काम


स्किन को अच्छे से ढक कर रखें


फोलिक एसिड अधिक मात्रा में लें


समय- समय पर गीला कपड़ा से अपने स्किन को ढके


यदि आपको मेलास्मा है, तो 30 या अधिक एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लगाएं.


ज्यादा से ज्यादा सब्जी और फल खाएं इसमें एंटीऑक्सीडेंट होता है जो मलिनकिरण को रोकता है.