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छठ पर यमुना के पानी में नहाने से पहले कर लें ये इंतजाम, वरना साथ आ जाएंगी इतनी बीमारियां
एक्सपर्ट्स के अनुसार, घरेलू और औद्योगिक कचरे से फॉस्फेट और सर्फेक्टेंट वाले डिटर्जेंट होते हैं, जो झाग को बढ़ाते हैं. केमिकल्स यमुना नदी के पानी की सतह पर तनाव कम कर बुलबुले और झाग को बढ़ावा देते हैं.
Delhi Yamuna Pollution : मंगलवार से नहाय-खाय के साथ छठ पर्व (Chhath 2024) की शुरुआत हो रही है. इस बीच दिल्ली में पॉल्यूशन का लेवल बढ़ गया है. राजधानी में AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 400 के करीब पहुंच गया है, जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक होता है. हवा ही नहीं दिल्ली में बहने वाला यमुना नदी का पानी भी प्रदूषित (Yamuna River Pollution) हो गया है.
पानी में सफेद झाग बनने लगा है. ऐसे में छठ का व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं की टेंशन बढ़ गई है. इस खास पर्व पर यमुना नदी में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं को कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में अगर आप भी छठ पर्व पर यमुना नदी में नहाने जा रहे हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखें, वरना अपने साथ कई बीमारियां लेकर आएंगे.
यमुना नदी के पानी में झाग क्यों बन जाता है
दिल्ली में जहां-जहां से यमुना गुजरती हैं, वहां-वहां बड़ी संख्या में फैक्ट्रियां हैं. जिनका केमिकल वेस्ट बिना फिल्टर यमुना के पानी में मिलता है. शहर का गंदा पानी भी सीधे नदी में ही आता है, जिससे यह पानी काला हो जाता है और झाग बनने लगता है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, घरेलू और औद्योगिक कचरे से फॉस्फेट और सर्फेक्टेंट वाले डिटर्जेंट होते हैं, जो झाग को बढ़ाने का काम करते हैं.
केमिकल्स यमुना नदी के पानी की सतह पर तनाव कम कर बुलबुले और झाग को बढ़ावा देते हैं. बिना ट्रीटमेंट वाला सीवेज नाइट्रेट्स और फॉस्फेट से प्रदूषण का स्तर कई गुना तक बढ़ जाता है और झाग ज्यादा बनने लगता है. वैज्ञानिक खास तरह के फिलामेंटस बैक्टीरिया को भी इस झाग का कारण मानते हैं.
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यमुना के पानी में नहाना कितना खतरनाक
बायो एक्सपर्ट्स का कहना है कि यमुना नदी जब दिल्ली से बाहर निकलती है तो ऑक्सीजन लेवल जीरो और फिकल इंडिकेटर 9 लाख तक होता है. ये स्तर इंसान ही नहीं जीवों के लिए भी खतरनाक है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यमुना नदी में बनने वाले सफेद झाग में अमोनिया और फॉस्फेट ज्यादा होते हैं, जो हानिकारक कार्बनिक पदार्थ हैं. ये सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं.
यमुना के पानी में नहाने के खतरे
1. सांस लेने में तकलीफ या सांस की बीमारियों का खतरा
2. गले में दर्द
3. आंखों में जलन
4. त्वचा पर जलन, लाल चकत्ते निकलना और एलर्जी
5. लिवर-किडनी को भी खतरा
6. पुरानी बीमारियां उभर सकती हैं
यमुना के पानी में नहाने से पहले और बाद में क्या करें
1. नहाने से पहले पानी की गुणवत्ता चेक करें.
2. नहाने के लिए सही जगह चुनें, ऐसी जगह नहाए, जहां झाग कम हो और पानी कम गंदा लगे.
3. नहाने के बाद त्वचा को अच्छी तरह से साफ करें.
4. नहाने के बाद गीले कपड़ों में ज्यादा देर तक न रहें.
5. नहाने के बाद शरीर को अच्छी तरह से साफ करें.
6. उन कपड़ों को पहनकर नहाएं जो नहाने के लिए बने हैं.
7. नहाने से पहले और बाद में हाथ धोएं.
8. नहाने के दौरान मुंह और नाक को बंद रखें.
10. नहाने के बाद अगर किसी तरह की समस्या हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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