कोरोना वायरस से होनेवाली कोविड-19 की बीमारी किसी को भी प्रभावित कर सकती है. उसके लक्षण हल्के से लेकर अत्यंत गंभीर हो सकते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी का संकट ज्यादा खौफ बढ़ा रहा है. हाल की रिपोर्ट बताती है कि कई लोगों की जांच रिपोर्ट वायरस के लक्षण होने के बावजूद गलत पहचान के चलते निगेटिव आ रही है. हालांकि आरटी-पीसीआर टेस्ट टेस्टिंग का मानक है, मगर वर्तमान रिपोर्ट से पता चलता है कि 'गलत निगेटिव' संभव है. बावजूद इसके आरटी-पीसीआर के टेस्ट वायरस का पता लगाने में प्रभावी हैं, लेकिन कोई भी टेस्ट 100 फीसद सटीक नहीं है और नतीजे कई फैक्टर पर निर्भर करते हैं.
टेस्ट निगेटिव होने के बावजूद कोरोना लक्षणों को हल्के में न लें
मान लीजिए आपकी आरटी-पीसीआर का टेस्ट निगेटिव आया है, लेकिन आप अभी भी स्वस्थ महसूस नहीं कर रहे हैं, तो ऐसे में खुद को आइसोलेट करें और खुद ही चंद लक्षणों की मॉनिटरिंग करें.
1. स्वाद और गंध की क्षमता का चले जाना
2. गले की खराश निरंतर खांसी के साथ और खराब होता बुखार
3. बुखार और सर्दी का दर्द निवारक दवाइयों के बावजूद कम नहीं होना और खराब होना
4. सख्त थकान जिससे निपटना मुश्किल है
5. पेट से जुड़े लक्षण जैसे डायरिया और मतली, जिससे पेट में ऐंठन और उल्टी हो सकती है
कोरोना के टेस्ट कितने सटीक हैं?
कोरोना टेस्ट के लिए अधिकतर प्रयोग होने वालों में कुछ आरटी-पीसीआर, कोविड-19 एंटी बॉडी टेस्ट, कोविड-19 रेपिड एंटीजेन टेस्ट हैं, और वर्तमान में आरटी-पीसीआर टेस्ट सबसे सटीक समझा जाता है. कोरोना वायरस की दूसरी लहर में कई रिपोर्ट बताती है कि गलत निगेटिव रिपोर्ट कोरोना वायरस पीड़ितों के बीच आई है.
लक्षण होने के बाद कुछ लोग जांच में क्यों निगेटिव हो रहे हैं?
कुछ कारण हैं जिसके चलते जांच के नतीजे गलत आ सकते हैं. कई लोगों में कोरोना के पूरे लक्षण दिखाई देते हैं लेकिन नतीजे आरटी-पीसीआर टेस्ट में निगेटिव आते हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट से कोरोना संक्रमण के बारे में भरोसेमंद नतीजे का पता चलता है लेकिन कभी-कभी ये भी 'गलत निगेटिव' होता है जो वास्तव में खतरनाक हो सकता है. ऐसी स्थिति में मरीज, इधर-उधर घूमता है और लोगों के संपर्क में आता है. इसलिए, दूसरों तक संक्रमण फैलाने की संभावना बहुत ज्यादा होती है. रिपोर्ट के मुताबिक, नाक या गले से सैंपल लेने के दौरान, गलत सैंपल लेने का तरीका, वायरस को सक्रिय रखने के लिए आवश्यक तरल की मात्रा, स्वैब सैंपल का गलत तरीके से परिवहन गलत निगेटिव की संभावना को बढ़ा सकते हैं. इसके अलावा, कभी-कभी मरीज के शरीर में वायरल लोड बहुत कम होता है, जिसके चलते कई बार निगेटिव रिपोर्ट हासिल होती है.
कोरोना टेस्ट निगेटिव हो, लेकिन लक्षण फिर भी जाहिर हों
1. पूरी तरह खुद को स्वस्थ महसूस होने तक आइसोलेशन में रहें
2. ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर अपने पास रखें
3. लक्षणों को निरंतर चेक करते रहें
अगर दोबारा जांच के लिए जाते हैं, तब सलाह दी जाती है कि ऐसा पहले टेस्ट के 3-4 दिनों बाद करें
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