बादाम का दूध बादाम से बनाया हुआ पौधे का दूध होता है. ये पानी के साथ बादाम को मिश्रित कर और ठोस को हटाने के लिए मिश्रण को तनाव देकर बनाया जाता है. ये बनावट में नियमित दूध की तरह होता है. इस वजह से बादाम का दूध वेजिटेरियन और डेयरी से एलर्जी होनेवाले लोगों के लिए लोकप्रिय पसंद है.


कई स्वास्थ्य के फायदों की वजह से बादाम का दूध हर दिन ज्यादा लोकप्रिय हो रहा है. वास्तव में, ये अमेरिका में सबसे लोकप्रिय पौधे का दूध है. बहुत सारे फायदों और गुणों के बावजूद फिर भी बादाम के दूध की खामियां हैं. उनके बारे में आपको जानना सेहत के लिहाज से जरूरी हो सकता है.


प्रोटीन की कमी
बादाम का दूध प्रति कप सिर्फ एक ग्राम प्रोटीन मुहैया कराता है जबकि गाय और सोयाबीन के दूध से प्रति कप 8 और 7 ग्राम प्रोटीन मिल जाता है. विभिन्न शारीरिक कार्यों के लिए प्रोटीन बहुत महत्वपूर्ण है. उसका काम मांसपेशियों का विकास, स्किन और हड्डियों की संरचना के अलावा एंजाइम और हार्मोन का उत्पादन करना है.


शिशुओं के लिए उपयुक्त नहीं
एक साल से कम उम्र के बच्चों को पौधा आधारित दूध पीने की सलाह नहीं जाती है क्योंकि इससे आयरन का अवशोषण रुक सकता है. पौधे से तैयार ड्रिंक्स स्वाभाविक रूप से प्रोटीन, फैट, कैलोरी के अलावा बहुत सारे विटामिन और मिनरल जैसे आयरन, विटामिन डी और कैल्शियम में कम होते हैं. ये पोषक तत्व विकास और वृद्धि के लिए जरूरी होते हैं.


कई एडिटिव्स हो सकते हैं
प्रोसेस किए हुए बादाम के दूध में कई एडिटिव्स जैसे शुगर, नमक, सुगंध हो सकते हैं. बहुत ज्यादा शुगर आपके वजन बढ़ने, दांतों के खोह और क्रोनिक स्थितियों के खतरे को बढ़ा सकता है.


थॉयराइड के हार्मोन लेवल को प्रभावित करता है
बादाम और बादाम दूध के प्रोडक्ट्स टायरोसिन के स्रोत हैं जो माइग्रेन के सिरदर्द को बढ़ा सकता है. इसके अलावा थॉयराइड वाले मरीजों के लिए सुरक्षित और सेहतमंद नहीं होता है.


40 साल से ऊपर की महिलाओं के लिए इम्यूनिटी बढ़ानेवाले ये हैं फूड्स, मीनोपॉज के लक्षणों को करेंगे कम


डायबिटीज के मरीजों को खानपान में रोटी पर भी ध्यान देना है जरूरी, जानिए चपाती की बेहतरीन किस्में