नीम और तुलसी की तरह पत्तियां अपने औषधीय फायदों के लिए लोकप्रिय हैं. हम सभी जानते हैं कि कई तरह से हमें फायदा पहुंचाती हैं. जब बात नीम की हो, तब एंटीसेप्टिक पत्तियां शुद्ध हवा हमें देती हैं, कीटाणुओं को हटाने के अलावा और भी बहुत कुछ करती हैं. लेकिन, अगर बहुत ज्यादा इस्तेमाल कर लिया जाए तो नीम खतरनाक हो सकता है. सकारात्मक पहलू के मोर्चे पर नीम की पत्तियां बहुत ज्यादा मजबूत एंजाइम से भरी होती हैं. कई पहलू से ये मददगार होने के बावजूद हमें नुकसान पहुंचा सकती हैं.


ब्लड शुगर लेवल कम कर सकता है
सेहतमंद जिंदगी बिताने के लिए ब्लड शुगर लेवल जरूर काबू किया जाना चाहिए. मीठा और चिकना भोजन करने से ये बढ़ सकता है. कई लोगों की सलाह होती है कि नीम का इस्तेमाल ब्लड शुगर लेवल को काबू कर सकता है. फिर भी, ध्यान देने वाली बात है कि सेवन की ठीक मात्रा को बरकरार रखा जाए. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप नीम का खुद से इस्तेमाल कर रहे हैं या दवाइयों के जरिए, हमेशा डॉक्टर की सलाह लें कि कार्रवाई का सबसे अच्छा कोर्स क्या हो सकता है.


इम्यून सिस्टम को ज्यादा उत्तेजित करता है
महामारी काल के दौरान स्पष्ट है कि हम अपने स्वास्थ्य की देखभाल पर ज्यादा सावधानी बरतें जिसमें हमारा इम्यून सिस्टम भी शामिल है. लेकिन जहां तक आपके स्वास्थ्य का मामला है, तो नीम या नीम आधारित प्रोडक्ट्स के निगलने से इम्यून सिस्टम बढ़ सकता है. लेकिन जैसा कि स्वास्थ्य रिपोर्ट के हवाले से ये बात सामने आई है कि नीम का भारी डोज खतरनाक भी हो सकता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नीम इम्यून सिस्टम को ज्यादा उत्तेजित कर सकता है जिसकी वजही से स्वास्थ्य की पेचीदगी होने का डर रहता है.


किडनी को कर सकता है नुकसान
हमारा शरीर विभिन्न अंगों से बना होता है, जो हमें जीवित और स्वस्थ रखने के लिए एक साथ काम करते हैं. अगर किसी का अंग खराब हो जाता है, तो जिंदगी के लिए जोखिम हो सकता है. मिसाल के तौर पर, बहुत मात्रा में नीम को अप्रत्यक्ष तौर पर किडनी को नुकसान पहुंचने का कारण भी पाया गया है. हालांकि, इसके पीछे अभी मजबूत वैज्ञानिक आधार नहीं है, मगर स्वास्थ्य विशेषज्ञ नीम जैसे घटक के बारे में सावधान रहने की सिफारिश करते हैं .


पेट की जलन हो सकती है
कुछ लोग ऐसे भी हैं जो स्वास्थ्य के प्रति बहुत सजग रहते हैं और ज्यादा नीम का सेवन या निगलना शुरू कर देते हैं. हालांकि, सीमित मात्रा वरदान हो सकती है, लेकिन ओवरडोज से खट्टी डकार या पेट की जलन का कारण बनना पाया गया है. फिलहाल उसे साबित करने के लिए वर्तमान में कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है. इसके बजाए, कई रिसर्च में इसको समझने के लिए ज्यादा रिसर्च करने का सुझाव दिया गया है.


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