कहा जाता है कि डायबिटीज के ज्यादातर मरीजों का उद्देश्य ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करना होता है. ब्लड शुगर लेवल को आहार में कुछ बदलाव लाकर काबू किया जा सकता है. डायबिटीज के मरीजों को अपनी डाइट में बीमारी के लिए मुफीद फूड का सेवन करना चाहिए.


पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक और गोभी में कार्बोहाइड्रेट्स कम होता है. इसके अलावा मिनरल और विटामिन जैसे विटामिन सी का अच्छा स्रोत होते हैं. कई शोध में साबित किया गया है कि विटामिन सी से भरपूर युक्त फूड बढ़ाकर सूजन को कम किया जा सकता है. जबकि इसमें पाए जानेवाले एंटी ऑक्सीडेंट्स दिल के स्वास्थ्य की हिफाजत कर सकते हैं.


चिया बीज
ये ज्यादा शक्तिशाली और फाइबर में भरपूर माने जाते हैं. जिसका नतीजा आखिरकार ब्लड शुगर लेवल में कमी के तौर पर सामने आता है. ये बीज ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम कर सकते हैं. ग्लाइसेमिक इंडेक्स माप से पता लगाया जाता है कि किसी फूड में मौजूद कार्बोहाइड्रेट कितनी देर में ग्लूकोज बनता है. फाइबर की मात्रा पाए जाने की वजह से ये बीज वजन कम करने में सहयोग कर सकता है जबकि भूख को घटाकर आपको देर तक भरा हुआ महसूस रखता है.


फलियां
ग्लाइसेमिक इंडेक्स में फलियां सबसे सस्ते विकल्प में एक होता है. डायबिटीज के मरीज अपनी डाइट में फलियां शामिल कर सकते हैं. ये फाइबर के साथ जरूरी विटामिन और मिनरल में भरपूर माने जाते हैं. फलियां बीमारी में लोगों के लिए पूरी तरह पौष्टिक साबित होते हैं.


लहसुन
लहसुन के खराब सुगंध के चलते लोग इससे दूरी बनाते हैं. पोषण के हिस्से के तौर पर बात की जाए तो इसके एक दाने में 4 कैलोरी होते हैं और विटामिन सी, बी6 के अलावा मैग्नीज और सेलेनियम शामिल होता है. कई शोध से पता चला है कि लहसुन को डाइट का हिस्सा बनाने से सूजन, खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL कोलेस्ट्रॉल) और ब्लड शुगर लेवल तक को कम करने में मदद मिल सकती है.


अखरोट
अखरोट फाइबर के मामले में शानदार और कार्बोहाइड्रेट्स में कम होते हैं. शोध में दावा किया गया है कि अगर डायबिटीज के रोगी अखरोट का नियमित सेवन करें तो उनके न सिर्फ ब्लड शुगर लेवल बल्कि खराब कोलेस्ट्रॉल में भी कमी आ सकती है.


रात को जल्दी सोना टाइप-2 डायबिटीज मरीजों के लिए क्यों है जरूरी? शोधकर्ताओं ने बताई ये वजह


Weight loss: क्या लंच के बाद अनहेल्दी कार्बोहाइड्रेट के सेवन को रोकने से मिलेगी मदद