तुलसी,नीम और करेला के रोज इस्तेमाल करने से नहीं होगा डायबिटीज
डायबिटीज की बीमारी तेजी से बढ़ रही है. इस बीमारी को लेकर लोग सर्तक रहने लगे हैं,आधूनिक जीवन शैली में इस बीमारी के होने का खतरा बना रहता है.

नई दिल्ली: अत्याधिक तनाव और काम का बोझ व्यक्ति को डायबिटीज का शिकार बना रहा है. यह बीमारी तेजी से अपने पैर पसार रही है. इस बीमारी ने उम्र की बंदिशों को भी तोड़ दिया है. अब ये किसी भी उम्र में हो सकती है. इस बीमारी के कारण व्यक्ति अपनी पसंद का जीवन नहीं जी पाता है और उसकी जिंदगी दवाओं के सहारे पर गुजरने लगती है.
इस बीमारी से बचने के लिए समय रहते अगर प्रयास शुरू कर दिए जाएं तो यह नहीं होती है. इसके लिए प्राकृतिक उपायों अपनाया जा सकता है. जो बहुत कठिन नहीं होते हैं इन्हे बस अनुशासन से अपने जीवन में लागू या प्रयोग करना होता है. नीम डायबिटीज को दूर करने में मदद करती है,नीम काफी गुणकारी होती है इसका अन्य रोगों से बचने के लिए भी इसको प्रयोग में लाया जाता है.
शोध में पाया गया है कि नीम के पत्ते शुगर की मात्रा को कम करने में मदद करते हैं. सुबह खाली पेट नीम की पत्ती खाने से शुगर नियंत्रिण में रहती है. ऐसा करने से कई और बीमारियों से भी मुक्ति मिल जाती है,शरीर में खुजली नहीं होती है और त्वचा ठीक रहती है. ग्रीन टी भी शुगर को रोकने में मददगार होती है. इसका भी सेवन अच्छा है. करेला को आयुर्वेद में बेहद गुणकारी मना गया है.
डायबिटीज में इस रामबाण बताया गया है. डाक्टर भी शुगर पेसेंट को करेला खाने की सलाह देते हैं.डायबिटीज में करेला का सेवन किस तरह से करना चाहिए यह ध्यान देने वाली बात है. खाली पेट इसको खाने से लाभ मिलता है.इसके अलावा जामुन की गुडलियां भी लाभकारी हैं इसका चूर्ण भी बनाकर लोग सेवन करते हैं.
इसके अलावा तुलसी भी फायदा करती है,तुलसी को आयुर्वेद में बहुत महत्व दिया गया है. अपने गुणों के कारण यह बेहद पुज्यनीय है. तुलसी की पत्तियों में एंटी-ऑक्सीडेंट पाया जाता है. जानकारों का मानना है कि यदि खाली पेट रोज पांच पत्तियां खाईं जाएं तो कैंसर रोग नहीं होता है. डायबिटीज में तुलसी का सेवन उत्तम माना गया है. इसका रस भी फायदा करता है.
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