बॉलीवुड के सुपर स्टार जितेंद्र की बेटी एकता कपूर छोटे पर्दे की क्वीन हैं. लेकिन उनकी एक कमजोरी है. एकता कपूर को ऊंचाइयों और रात के अंधेरे से बहुत डर लगता है. सामान्य सा लगने वाला ये डर कब फोबिया में बदल जाता है पता ही नहीं चलता. इस स्थिति में इंसान अपने फोबिया से इतना घबराता है कि दूर करने के बजाय उससे बचने के उपाय ढूंढने लगता है. एक्रोफोबिया भी उन्हीं में से एक है, जिसमें लोगों को ऊंचे स्थानों पर जाने से डर लगता है.
दूसरी तरफ, रात के अंधेरे में लगने वाले डर को निक्टोफोबिया कहा जाता है. तुषार कपूर ने एक इंटरव्यू में अपनी बहन के बारे में फोबिया से ग्रसित होने का खुलासा किया था. तुषार ने तो यहां तक बताया था कि उसकी बहन ऊंचाई के डर से हेलीकॉप्टर की सवारी करने से बचती है. प्रोड्यूसर ने भी पूर्व में स्वीकार किया था कि उसे कभी-कभी आत्माओं और भूतों से डर लगता है.
फोबिया का इलाज किया जा सकता है
फोबिया वास्तव में एक प्रकार का चिंता विकार है जो एक व्यक्ति को किसी जगह, किसी स्थिति या किसी सामान के बारे में चरम, तर्कहीन डर का कारण बनता है. फोबिया से ग्रसित शख्स को हल्का से लेकर गंभीर लक्षण जैसे आशंका, चिंता, हमले का अनुभव हो सकता है. सामान्य शारीरिक लक्षणों में पसीना, कंपन, तेज धड़कन, सांस लेने में कठिनाई, तेजी से बोलचाल या बोल पाने में असमर्थ, दर्द या छाती में जकड़न, चक्कर, हाई ब्लड प्रेशर, पेट की खराबी शामिल है. ये लक्षण किसी को सामान्य कार्य करने से रोक सकते हैं और कभी-कभी पैनिक अटैक हो सकता है. सौभाग्य से, अधिकतर फोबिया को उचित उपचार से ठीक किया जा सकता है, जिसमें बिहेवियरल थेरेपी, दवा या दोनों शामिल हैं.
एक्रोफोबिया या ऊंचाई का अत्यधिक डर
ये सबसे आम फोबिया में से एक है. एक्रोफोबिया ऊंचाई का तेज डर है जो तेज बेचैनी की वजह बन सकता है. अगर आप भी इस फोबिया से ग्रसित हैं, तो हो सकता है आपको अत्यधिक चिंता और भय का अनुभव हो, यहां तक कि सीढ़ियां चढ़ते, खिड़की से बाहर झांकते या पुल पर ड्राइविंग करते वक्त. इस प्रकार का फोबिया कभी-कभी ऊंचाई, जैसे ऊंची जगह से गिरना या किसी को गिरते हुए देखना समेत किसी सदमे के अनुभव का नतीजा हो सकता है. हालांकि, फोबिया बिना किसी कारण के भी हो सकता है. कभी-कभी आनुवांशिक या प्रयावरणीय फैक्टर की भी भूमिका हो सकती.
निक्टोफोबिया अंधेरे या रात का अत्यधिक भय है
अंधेरे से डरना बचपन में सामान्य समझा जाता है और रिसर्च ने उसे किसी भी दृश्य उत्तेजना की कमी से जोड़ा है. बच्चों के लिए भूत, राक्षस, अकेले सोना और विचित्र आवाजों से डर आम है. रात में रोशनी के साथ सोना डर पर काबू पाने में मदद कर सकता है. लेकिन अगर अंधेरे से डर व्यस्कता में जारी रहता है, अत्यधिक और तर्कहीन हो जाता है, और दैनिक जिंदगी, सोने के तरीके को प्रभावित करने लगता है, तब ये फोबिया का लक्षण है और आपको किसी डॉक्टर से मिलने की जरूरत है. निक्टोफोबिया से डिप्रेशन और चिंता का तेज लक्षण देखने को मिल सकता है. अंधेरे का डर भी इनसोमिनया से जुड़ा होता है, जो आपके पूरे स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है. इसलिए, आप इलाज कराने पर विचार कर सकते हैं अगर डर अत्यधिक यहां तक कि अनुचित है और ये आपकी प्रयाप्त नींद लेने को बहुत मुश्किल बना रहा है.
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