Mustache And Beard: सिर्फ फैशन सेंस नहीं पर्सनैलिटी का रिफ्लैक्शन होती हैं दाढ़ी-मूंछें, चेक करें आपके बारे में कितनी फिट बैठती है ये बात
Men Looks: अपने लुक्स में बदलाव लाना चाहते हैं तो पुरुषों के लिए सबसे अच्छा उपाय होता है दाढ़ी और मूंछों के स्टाइल में बदलाव करना. यहां ऐसे ही कुछ ट्रेंड्स के बारे में जानें.
Stylesh Looks For Men: दाढ़ी और मूंछें रखना आजकल फैशन है. अलग-अलग लेंथ और शेप की दाढ़ी के साथ में बड़ी और घनी मूंछें. दुनियाभर के पुरुषों के बीच दाढ़ी और मूंछ बढ़ाने का क्रेज नया नहीं है बल्कि ऐसा सदियों से होता चला आ रहा है. कुछ खास तरह के स्टाइल की दाढ़ी और कुछ खास तरह की शेप में कटी मूंछें कुछ खास पेशों की पहचान बन गईं. जैसे, राजशाही दौर में ज्यादातर राजाओं की मूंछें शार्प और नुकीली हुआ करती थीं, जो उनके व्यक्तित्व में गंभीरता का परिचायक मानी जाती थीं. जबकि राजाओं के सैनिक लंबी, घनी और भरी हुई मूंछें रखा करते थे, जो इन्हें आक्रामक दिखाने का काम करती थीं. यहां जानें, किस शेप की दाढ़ी क्या संदेश देती है...
दृढ़ विश्वास का परिचय
लंबी दाढ़ी इस बात का परिचय देती है कि व्यक्ति दृढ़ विश्वास रखने वाला है. उसे अपने आप पर आपने कार्यों के प्रति पूरा भरोसा रहता है. ऐसे व्यक्ति सात्विक गुणों से युक्त और जीवन से जुड़े गूढ़ मुद्दों पर चिंतन-मनन करने वाले होते हैं. लेकिन यदि इनकी दाढ़ी सुलझी हुई और व्यवस्थित नहीं होती है तो ऐसे लोगों में इन सभी गुणों का अभाव होता है.
अशांत मन
जिन लोगों की दाढ़ी लंबी होती है लेकिन नीचे से दो अलग भागों में बंटी हुई होती है या ये अपनी दाढ़ी को इस तरह से बांधकर रखते हैं. ऐसे लोगों को गंभीर विचारक माना जाता है लेकिन इनके मन में विचारों का एक अंतरद्वंद्व चलता रहता है. ऐसे लोग मानसिक रूप से शांत नहीं रह पाते हैं.
छोटी और सीमित दाढ़ी
आपने ऐसे लोगों को देखा होगा जिनकी दाढ़ी सिर्फ बीच में होती है और दोनों गालों पर ये शेव करके रहते हैं. ऐसे लोगों को व्यक्तित्व के बारे में माना जाता है कि इन्हें जादुई शक्तियों में बहुत विश्वास होता है. ये प्रकृति के शक्ति के प्रति आकर्षित रहते हैं.
ट्रिम की हुई दाढ़ी
आज के समय में ज्यादातर लोग ट्रिम की हुई दाढ़ी रखना पसंद करते हैं. इनकी दाढ़ी ना छोटी होती है और न बड़ी. यह तरीका खुद को मॉडर्न और ट्रेंड लवर दिखाने का है.
अलग-अलग मूंछों के अलग संदेश
ऊपर उठी हुई मूंछें: ऐसी मूंछें रखने की परंपरा राजशाही के समय में अधिक देखने को मिलती थी. इन्हें निडर और बाहदुरी का प्रतीक माना जाता था. जैसे, चंद्रशेखर आजाद की मूंछें.
शाही मूंछें: मोटी-घनी और तलवार के स्टाइल में ग्रूम की गई मूंछों को शाही मूंछें भी कहा जाता है. ऐसी मूंछें ज्यादातर राजपूत और राजा रखाते थे. ऐसी मूंछें अपनी संस्कृति की रक्षा करने वालों की पहचान मानी जाती हैं.
किनारों से झुकी हुई मूंछें: कुछ लोगों की मूंछें दोनों किनारों से नीचे की ओर झुकी हुई होती हैं. ऐसे लोगों को नीति बनाने में निपुड़ और सहनशील माना जाता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस आर्टिकल में बताई गई बातें, मान्यताओं पर आधारित हैं. किसी को पीड़ा पहुंचाना या आहत करना इस आर्टिकल का उद्देश्य नहीं है.
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