(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
क्या फैट्स आपको मोटा बनाते हैं? न्यूट्रिशनिस्ट की राय में प्रमुख पोषक तत्व की हकीकत को जानिए
क्या फैट्स खाने से आप मोटा हो जाते हैं? क्या फैट्स सेहत के लिए ठीक हैं या दिल की समस्या पैदा करते हैं. फैट्स के सिलसिले में कई विरोधाभासी बातें प्रचलित हैं. उसके बारे में जानकारी कम होने की वजह से अक्सर दुविधा की स्थिति पैदा हो जाती है.
फैट्स के बारे में कई सारी मिथकें, भ्रांतियां और खराब-अच्छी बातें प्रचलित हैं. मिसाल के तौर पर, फैट्स खाना आपको मोटा बना देगा, फैट्स आपके लिए अच्छे हैं, फैट्स दिल की सेहत के लिए खराब हैं, इत्यादि. अगर आप फैट्स के सिलसिले में विरोधाभासी विचार रखते हैं और भ्रम की स्थिति में हैं, तो आप ठीक जगह पर हैं. न्यूट्रिशनिस्ट पूजा मखीजा ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर फैट्स के बारे में बात की है. उन्होंने इस प्रमुख पोषक तत्व से जुड़ी सबसे आम मिथकों में से कुछ का भंडाफोड़ किया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि फैट का खाना निश्चित तौर पर आपको मोटा नहीं बनाता है.
फैट्स के बारे में हकीकत उन्होंने बताया कि गलत प्रकार का फैट खाना या फैट का बहुत ज्यादा सेवन वजन बढ़ा सकता है. फैट्स को आसानी से दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है. एक अच्छा फैट और दूसरा खराब फैट कहलाता है.
खराब फैट्स प्रोसेस्ड, रिफाइन किए गए और तले हुए फूड्स ऐसे खराब फैट्स हैं जिसमें आम तौर से खराब फैट पाया जाता है. मखीजा कहती हैं, "इन फैट्स का ज्यादा सेवन आपका वजन बढ़ा सकता है और उसके नतीजे में सूजन की वृद्धि हो सकती है. सूजन करीब हर क्रोनिक बीमारी में एक भूमिका होती है."
अच्छा फैट्स मखीजा का कहना है कि प्राकृतिक फूड के स्रोत फैट के अच्छे स्रोत माने जाते हैं. उसमें पाली और मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स शामिल हैं. इन फैट्स का खाना मेटाबोलिज्म बढ़ाने, फैट जलने को प्रोत्साहित करने, भूख कम करने, कोलेस्ट्रोल लेवल को अनुकूल करने में मदद कर सकता है. ये स्वस्थ दिल के फैट्स हैं और दिल की बीमारियों तक का खतरा भी कम कर सकते हैं. ये फैट्स खराब कोलेस्ट्रोल को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रोल को बढ़ाने के अलावा ट्राइग्लिसराइड्स के लेवल को भी कम कर सकता है.
हमारा दिमाग मोटे तौर पर फैट से बना है. बादाम, अखरोट, चिया बीज, सालमन मछली और अलसी ओमेगा-3 फैटी एसिड के कुछ लोकप्रिय स्रोत हैं. अपने भोजन में अच्छी गुणवत्ता के फैट्स शामिल करने आपका मूड, स्मरण शक्ति और दिमागी क्षमता बढ़ सकती है. ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी डिप्रेशन, चिंता, एक प्रकार का मानसिक विकार और यहां तक कि बायोपोलर डिसऑर्डर से भी जोड़ा गया है.
कितनी फैट की जरूरत है? मखीजा के मुताबिक, आपके रोजाना कैलोरी सेवन का करीब 20 फीसद फैट्स से जरूर आना चाहिए. इसलिए, सुनिश्चित करें कि रोजाना की बुनियाद पर आपकी डाइट में अच्छा फैट्स को शामिल करें.
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