कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण अभियान में तेजी आ गई है. समय पर टीकाकरण कोविड-19 के प्रसार को रोकने का एक तरीका है. लाखों जिंदगी को निगल चुकी बीमारी का बहुत लोगों को खतरा बना हुआ है. वैक्सीन के प्रभावी होने पर अभी भी कई सवाल हैं. सवाल ये है कि किसे टीका लगवाना चाहिए और किसे नहीं. दूसरा भ्रम ये है कि पूर्व में संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों को भी टीका लगवाना पड़ेगा?


वायरस से उबर चुके लोगों को टीका लगवाना कैसा है?


अनुमान लगाया जाता है कि कोविड-19 से छुटकारा लोगों को प्राकृतिक इम्यूनिटी देता है, या उन्हें एक तरह से 'सुरक्षा' का निशान हासिल हो जाता है. उसके चलते बहुत लोग टीका लगवाने में देरी कर रहे हैं. उनका मानना है कि डोज लगवाना बहुत ज्यादा मदद नहीं करेगा. इसका ये भी मतलब है कि बहुत लोगों, खासकर कोरोना वायरस की बुरी तरह चपेट में आए शहर के लोगों की मनमानी भागीदारी हो सकती है. लेकिन, क्या ये सच है, या सिर्फ कोविड से जुड़ी दूसरी फर्जी बात? क्या कोविड-19 से उबर चुके मरीजों को कोविड-19 वैक्सीन से लाभ होता है?


वर्तमान में अभी किसी मेडिकल बोर्ड से कोई सिफारिश नहीं है जो प्रमाणित करे कि कोविड-19 वैक्सीन उन लोगों पर सबसे अच्छा असर करेगी जिनको वायरस का संक्रमण नहीं हुआ है. इसलिए, बारी आने पर कोविड-19 का डोज लेना बिल्कुल होशियारी होगा. इसके अलावा, खुराक लेने के बहुत ज्यादा फायदे भी छिपे हैं. इम्यून सिस्टम कोविड-19 से ठीक होने और वैक्सीन लेने के बाद समान तरह से प्रतिक्रिया करता है, टीकाकरण सामाजिक सतह पर बेहतर सुरक्षा और इम्यूनिटी देता है.


अभी भी ये स्पष्ट नहीं है कि प्राकृतिक सुरक्षा कब तक रहती है क्योंकि दुनिया के कई हिस्सों में दोबारा संक्रमण के मामले आ चुके हैं. इसलिए, एक बार से ज्यादा कोरोना वायरस से संक्रमित होने की प्रबल आशंका है. ऐसी सूरत में टीकाकरण अभियान के जरिए दी जानेवाली इम्यूनिटी मदद कर सकती है. कई मामलों में वैक्सीन लेने से इम्यून सिस्टम का काम भी तेज हो सकता है.


टीका लगवाने की दूसरी ठीक वजह अभी अपने आसपास लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक अभी भी बहुत लोगों को गंभीर कोविड-19 का खतरा है, यहां तक कि उच्च मृत्यु दर भी देखने को मिल सकता है. आबादी के बड़े हिस्से का टीकाकरण हर्ड इम्यूनिटी पैदा करने में भूमिका अदा करेगा. कोविड-19 को जड़ से उखाड़ फेंकने का ये महत्वपूर्ण कदम है.


साइड-इफेक्ट्स के अलावा वैक्सीन का नहीं नुकसान


याद रखिए टीका लगवाने का कोई वास्तविक नुकसान नहीं है. वैकसीन का थोड़ा साइड-इफेक्ट्स होने के बावजूद उसके फायदे ज्यादा हैं. अन्य वैक्सीन की तरह, हो सकता है आपको सालाना खुराक की जरूरत पड़े, लेकिन कोविड-19 वैक्सीन प्रमुखता से आपको दोबारा संक्रमित नहीं होने देगी. ये आपके शरीर का इम्यून रिस्पॉन्स बढ़ा सकती है. इसलिए, जब कभी आपकी बारी आए, कोविड-19 के खिलाफ टीका लगवाएं क्योंकि वैक्सीन का असर कोविड-19 से ठीक हो चुके मरीजों पर भी समान होता है.


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