खांसी कई कारणों से हो सकती है जैसे - बदले मौसम, सर्द-गर्म, वायरल इंफेक्श,एलर्जी, धूल-मिट्टी , प्रदूषण आदि. लेकिन जब भी बच्चों को 2-3 हफ्ते तक खांसी रहती है तो यह निमोनिया में बदल जाती है.जब कोई बच्चा लंबे समय तक खांसी करता रहता है, तो उसके फेफड़ों में पहले से मौजूद किसी भी संक्रमण की स्थिति बिगड़ जाती है. इस संक्रमण का कारण वायरस, बैक्टीरिया या कोई फफूंद होती है. जब बच्चा खांसता है, तो ये संक्रमण फेफड़ों पर ज्यादा असर डालने लगते हैं, फेफड़ों में सूजन आ जाती है और उन्हें नुकसान पहुंचता है.
ऐसे में फेफड़े सांस लेने के काम को ठीक से नहीं कर पाते. सांस लेना मुश्किल हो जाता है. साथ ही बुखार आने लगता है. इसे निमोनिया कहलाते है. अगर सही समय पर इलाज नहीं किया जाता तो निमोनिया खतरनाक भी हो सकता है. इसलिए जैसे ही खांसी होतो घरेलु उपाय करें ताकि खांसी निमोनिया में न बदलें. आइए जानते हैं एक्सपर्ट के अनुसार..
घर में लगाएं नेबुलाइजर मशीन
नेबुलाइजर मशीन बच्चों की लंबे समय तक चलने वाली खांसी और सांस की तकलीफों में बहुत फायदेमंद साबित होता है. 5 से 7 दिन तक अगर खांसी में आराम नहीं मिलता है तो घर में बच्चों को नेबुलाइजर मशीन इस्तेमाल कर सकते हैं. यह दवाएं सीधे फेफड़ों में पहुंचती हैं जिससे जल्द राहत मिलती है. घर पर इसका इस्तेमाल करने से बच्चे को अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ती.
जायफल और शहद
जायफल में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो सूजन को कम करते हैं. शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं. इन दोनों के मिश्रण से गले की सूजन दूर होती है और खांसी में आराम मिलता है.रोजाना एक चम्मच जायफल का पेस्ट और एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में 2-3 बार लेने से सूखी खांसी में बहुत राहत मिलती है. इससे खांसी निमोनिया नहीं बदलता है.
अदरक और शहद
सर्दी खांसी होने परबच्चों की इम्यूनिटी बहुत कमजोर हो जाती है. ऐसे में उन्हें सर्दी जुकाम सबसे ज्यादा परेशान करता है. बच्चे को सर्दी होने पर अदरक खिलाने से राहत मिलती है. अदरक में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो सीजनल इंफेक्शन को दूर करते हैं. ये तासीर में गर्म होता है. इसे खाने से शरीर में गर्मी आती है. खांसी होने पर अदरक का रस निकाल कर शहद में मिला कर बच्चे को चटाने से आराम मिलता है. रात में सोने से पहले बच्चे को एक चम्मच खिलाएं. इससे खांसी निमोनिया में नहीं बदलेगी.