रमजान में इफ्तार के बाद सीने की जलन, अपच और एसिडिटी जैसी शिकायत आम हो जाती है. उससे छुटकारा हासिल करने के लिए घरेलू नुस्खों की मदद ली जा सकती है. विशेषज्ञों के मुताबिक एसिडिटी कमजोर पाचन तंत्र का संकेत है. उसके लक्षण में खाने के बाद पेट का दर्द, ब्लोटिंग, मतली, उल्टी के साथ खून आना, वजन का बिना किसी वजह कम होना और भोजन का मुश्किल से पचना शामिल हैं. एसिडिटी की प्रमुख वजह में खाने के बीच लंबा अंतराल, खाली पेट रहना, बहुत ज्यादा चाय या कॉफी का इस्तेमाल इत्यादि बताया जाता है. इस समस्या का सामना अगर रमजान में हो रहा है, तो उससे बचने के लिए चंद घरेलू नुस्खे कारगर हैं. 


रमजान में एसिडिटी से बचने के उपाय


एलोवेरा जेल का इस्तेमाल पाचन तंत्र को बेहतर करता है. रोजेदारों को इफ्तार के बाद और खाना खाने से पहले एलोवेरा शर्बत का आधा से एक कप तक का इस्तेमाल कारगर रहेगा. खाने के बाद थोड़ा सौंफ चबाना एसिडिटी सी प्रक्रिया से बचाव की वजह बनती है, सौंफ की चाय आहार नलि को सेहतमंद रखती है और ताजगी उपलब्ध कराती है. इसके अलावा सौंफ का पानी पीने से भी पेट फूलने में राहत दिलाने का काम करेगा. हर घर के किचन में अदरक मौजूद होता है. ये सूजन रोधी माना जाता है. बेहतर पाचन के लिए एक टुकड़ा अदरक चबा लें. एसिडिटी दूर करने के लिए अदरक को उबलते हुए पानी के कप में डालें और 15-20 मिनट बाद पी लें.


कमजोर पाचन तंत्र का संकेत है एसिडिटी


दालचीनी भी एसिडिटी के इलाज में कारगर है. उसके इस्तेमाल से मिनरल और विटामिन की प्राप्ति संभव है, वहीं पेट की सेहत के लिए भी मुफीद होता है. ये फूड को बेहतर तरीके से अवशोषित होने में मदद करता है और एसिडिटी को दूर करने में बेपनाह कारगर. इफ्तार के फौरन बाद उसकी चाय बनाकर पिया जा सकता है. एसिडिटी से बचाव के लिए पिसी हुई इलाइची और लौंग का इस्तेमाल भी बेहद फायदेमंद है. एसिडिटी खत्म करने के साथ ये मुंह की बदबू को भी दूर करता है. इफ्तार की टेबुल पर केला और सेब जैसे फल भी आपकी डाइट में शामिल होने चाहिए. 


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