क्या आप जानते हैं कुछ जानवरों में भी सोशल डिस्टेंसिंग और क्वारंटीन का रुजहान पाया जाता है? कोरोना वायरस के कारण फैली महामारी ने दुनिया का ध्यान आइसोलेशन, क्वारंटीन और सोशल डिस्टेंसिंग की तरफ खींचा है. इंसानों को संक्रमण से बचाने के लिए विशेषज्ञों ने इसे कारगर उपाय बताया है. लेकिन कुछ ऐसे जानवर और कीड़े-मकोड़े भी हैं जो स्वस्थ जानवरों को बीमारी से बचाने की कोशिश करते हैं.


जानवरों में भी है सोशल डिस्टेंसिंग का रुजहान


वैम्पायर चमगादड़ या उसके छोटे बच्चे अगर बीमार हो जाएं तो अन्य स्वस्थ जानवर उनसे दूरी बना लते हैं. यहां तक कि उसकी देखभाल भी छोड़ देते हैं. हालांकि उसे खाना खिलाना जारी रखते हैं. अगर ऐसा न किया जाए तो बीमारी जानवरों की पूरी आबादी में फैल सकती है. कीड़े-मकोड़े भी संक्रमण से बचने के लिए उपाय अपनाते हैं. संक्रमित कीड़े-मकोड़े स्वस्थ कीड़े-मकोड़ों को बचाने के लिए खुद को अलग-थलग कर लेते हैं. इस तरह अन्य कीड़े-मकोड़ों को बीमारी से बचाने की कोशिश करते हैं. इसके लिए खुद को सेल्फ आइसोलेशन में रखते हैं.


बीमार पड़ने पर चींटी स्वस्थ चींटी के पास नहीं जाती


ब्लैक गार्डन चींटी जब बीमार हो जाती है तो अन्य स्वस्थ चीटियों के पास नहीं जाती. इसी तरह दीमक भी जब खास फंगस से संक्रमित होती है तो थिरकना शुरू कर देती है. बीमार दीमक अन्य दीमक को बीमारी से बचाने के लिए उसके पास जाने से बचती है. शहद की मक्खी का लार्वा जब किसी बैक्टीरिया से प्रभावित होता है तो मक्खी खास केमिकल का स्राव करती है. जिसे फौरन अन्य मक्खियां भांप लेती हैं और उससे दूरी बना लेती हैं.


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