मुंह के स्वास्थ्य को बरकरार रखना बेहद जरूरी है. फूले हुए, नरम मसूढ़े में सूजन यानी मसूढ़े की खराब सेहत का शुरुआती संकेत है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि ये बहुत बड़ी समस्या है. उसे रोका जा सकता है और ठीक भी किया जा सकता है. दांतों के नियमित चेकअप के अलावा, हमेशा प्राकृतिक उपायों का सहारा लेने की सलाह दी जाती है जिससे आपके मसूढ़े का स्वास्थ्य ठीक रह सके.


निश्चित रूप से दिन में दो बार ब्रश और दांत साफ करना पालन किए जाने योग्य अच्छी आदतों में शामिल हैं. लेकिन, मसूढ़े के रोग को दूर करने के कुछ तरीकों को जानने और पालन करने में कोई नुकसान नहीं है. आपके मसूढ़े की सेहत को सुनिश्चित करने में कुछ प्रभावी टिप्स शामिल हैं.


ऑयल पुलिंग की आदत
इसका सीधा साफ शब्दों में मतलब है तेल से कुल्ला करना. मुंह की सेहत को सुनिश्चित करने का आयुर्वेदिक के सबसे ज्यादा प्रचलित तरीकों में से एक तेल से कुल्ला करना रहा है. सुबह उठने के ठीक बाद दांतों में ब्रश किए बिना 15 मिनट के लिए मुंह में नारियल या जैतून या तिल का तेल हिलाने से दांतों के मैल, मसूढ़े की सूजन को रोकता है और आपको शानदार मसूढ़े की सेहत का आनंद देता है. ये न सिर्फ मुंह के नुकसानदेह विषैले पदार्थों की सफाई करता है बल्कि पाचन की सेहत के लिए भी शानदार है.


नीम का इस्तेमाल
नीम का पेड़ प्रकृति का अनमोल तोहफा है. उसकी पत्तियों से लेकर टहनियों तक नीम मसूढ़े के स्वास्थ्य को लाने में अत्यंत प्रभावी है. एंटी-बैक्टीरियल, सूजन-रोधी और रोगाणु रोधक गुणों से भरपूर नीम मसूढ़े को मजबूत करने, खून रोकने, प्लेक का निर्माण करने, मसूढ़े का सूजन रोकने के लिए शानदार साबित रहा है और दांत को ढंकनेवाले बाहरी आवरण को सुधारता है.


फ्लोराइड
सुश्चित करें कि आपके टूथपेस्ट में फ्लोराइड मौजूद हो. ये सामग्री सांस की बदबू, मसूढ़े की सूजन रोकने में अत्यंत प्रभावी है.


विटामिन सी
चकोतरा, संतरा, आम, पपीता, स्ट्राबेरी, लाल मिर्च, ब्रोकोली में पाया जानेवाला विटामिन सी मसूढ़े की सेहत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. विटामिन सी कमी से पेरिओडॉन्टल रोग होने का खतरा रहता है.


शुगर का ज्यादा इस्तेमाल आपके बच्चों के लिए नहीं है ठीक, नुकसान का रिसर्च में हुआ खुलासा


जानिए क्या है प्रोबायोटिक फूड, इनके सोर्स और आपको खाना क्यों है जरूरी