सेब का सिरका लोकप्रिय एक देसी उपाय है. लोगों ने वर्षों इसका इस्तेमाल पकवान और इलाज में किया है. कई रिसर्च से ये बात साबित हुई है कि सेब का सिरका वजन कम करने और पाचन में मुफीद होने के साथ बहुत सारे फायदे पहुंचाता है. एंटीमाइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के चलते ये कोलेस्ट्रोल घटाता है, ब्लड शुगर लेवल कम करता है और डायबिटीज के अन्य लक्षणों को सुधारता है. आप सबूत आधारित ड्रिंक के फायदे जानकर इस्तेमाल करने पर मजबूर हो जाएंगे.


ब्लड शुगर लेवल कम करता है-सेब के सिरके में मौजूद असेटिक एसिड एंजाइम को रोकता है. इससे स्टार्च को पचाने में मदद मिलती है. एक रिसर्च में बताया गया है कि सिरका स्टार्च युक्त भोजन जैसे ब्रेड या पास्ता खाने के बाद भी ब्लड शुगर और इंसुलिन रिस्पॉन्स को स्पष्ट तौर पर कम कर सकता है. अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो डॉक्टर की सलाह से इस्तेमाल करें. सिरका डायबिटीज के इलाज को प्रभावित कर सकता है और इसलिए बिना मशविरा के नहीं पीना चाहिए.


वजन कम करने में है मददगार-भोजन से पहले सिरके का इस्तेमाल भूख को दबा सकता है और इस तरह आपकी कैलोरी का सेवन कम हो जाता है. 12 सप्ताह के रिसर्च से पता चला है कि जिन लोगों ने सेब के सिरके का रोजाना इस्तेमाल किया, उनका वजन कम हो गया, बॉडी मास इंडेक्स, कमर की परिधि, ट्राइग्लिसराइड लेवल और आंत की चर्बी घट गए.


कोलेस्ट्रोल लेवल कम करता है-2018 में एक रिसर्च से खुलासा हुआ था कि सिरका पीने से कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लिसराइड घट गया. हालांकि, अभी खोज को साबित करने के लिए और रिसर्च की जरूरत है. लेकिन हाई कोलेस्ट्रोल लेवल से पीड़ित लोग सेब के सिरके को आजमा सकते हैं. लेकिन सिरका को अपनी डाइट का हिस्सा बनाने से पहले विशेषज्ञ की राय लेना न भूलें.


स्किन की सेहत को बढ़ाता है-सेब का सिरका स्किन की समस्याओं जैसे खुजली का आम इलाज है. हमारी स्किन स्वभाव में थोड़ी एसिडिक होती है. एंटीबैक्टीरियल गुण होने के चलते सेब का सिरका खुजली और अन्य स्किन समस्याओं से जुड़े स्किन संक्रमण रोकने में मदद कर सकता है. कुछ लोग पतला सेब साइडर सिरका का उपयोग फेसवाश या टोनर में करते हैं. उनका मानना है कि ये बैक्टीरिया को मार सकता है और धब्बों को रोक सकता है.


नुकसानदेह बैक्टीरिया कर सकता है खत्म-सिरका बैक्टीरिया को मार सकता है. लोग सिरके को सफाई और डिसइंफेक्टिंग के काम में परंगारत रूप से इस्तेमाल कर रहे हैं. उससे नेल फंगस, जूं और कान के संक्रमण का इलाज किया जा रहा है. पुराने जमाने में, लोग सिरके का इस्तेमाल जख्मों को साफ करने में करते थे.


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