ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली माओं को अक्सर खान-पान के बारे में कई गलत धारणाओं का सामना करना पड़ता है. लोगों के मन में यह गलतफहमी बैठी हुई है कि मां के कुछ खास तरह के खाने से बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है. कई बार अपने घर के बढ़े बुजुर्गों को आप ने कहते सुना होगा की ठंडे पानी में काम मत करो नहीं तो दूध ठंडा हो जाएगा और बच्चे को ठंड लग जाएगी यही नहीं कई ऐसे मिथ है जिसे बारे में आप ने सुना होगा. लेकिन, ऐसी तमाम बातें असल में भ्रामक हैं और लोगों को इन बातों पर भरोसा नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं एक्सपर्ट के अनुसार की इन बातों में कितनी सच्चाई है. 


मां का दूध कैसे बनाता है? 
जब महिला गर्भवती होती है तो उसके शरीर में प्रोलैक्टिन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन बढ़ने लगते हैं. ये हार्मोन्स स्तनों को दूध बनाने के लिए तैयार करते हैं. जब बच्चा जन्म लेता है तो इसके मुंह से स्तन के संपर्क में आते ही प्रोलैक्टिन हार्मोन स्तनों में दूध बनाना शुरू कर देता है.इसके बाद दूध का बहाव लगातार जारी रहता है. इस प्रक्रिया में मां के खान-पान और पोषण की भी अहम भूमिका होती है. 


मां ठंडा बच्चे को नुकसान करता है? 
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली बहुत सी माओं का यह सवाल रहता है कि अगर उनका शरीर ठंडा है तो शिशु को उनका दूध पिलाना सही नहीं है, नहीं तो बच्चे को ठंड लग सकती है.परंतु एक्सपर्टस के अनुसार यह एक पूरी तरह से गलत धारणा है. मां के शरीर का ठंडा होना बच्चे के लिए बिल्कुल नुकसानदायक नही होता है. मां अगर ठंड में काम कर रही है तो इससे दूध ठंडा नहीं होता है.चाहे मां कितनी भी ठंडक महसूस क्यों न कर रही हो. 


मां ब्रेस्टफीडिंग के दौरान दवा ले सकती हैं? 
ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली अधिकांश मां यह जानना चाहती हैं कि क्या दवाओं का सेवन करते हुए भी वे अपने बच्चे को स्तनपान करा सकती हैं या नहीं. इस बात को लेकर उनके मन में काफी संदेह रहता है. एक्सपर्टस के अनुसार अधिकांश दवाएं स्तनपान के दौरान लेने के लिए सुरक्षित होती हैं. केवल कुछ खास प्रकार की दवाएं जैसे - कैंसर की दवाएं आदि ही स्तनपान के समय नहीं ली जा सकती. शेष अधिकांश दवाओं का नवजात शिशुओं पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.