क्या वीडियो गेम्स खेलना डिप्रेशन कम करता है? जानिए रिसर्च के चौंकानेवाले नतीजे
क्या लड़कों का वीडियो गेम्स खेलना और डिप्रेशन के बीच कोई संबंध है? शोधकर्ताओं ने रिसर्च के जरिए बड़ा खुलासा किया है. उनका कहना है कि सोशल मीडिया पर समय बितानेवाली लड़कियों से भी डिप्रेशन का मामला जुड़ता है.
11 साल की उम्र में नियमित वीडियो गेम्स खेलनेवाले लड़कों को डिप्रेशन का खतरा तीन साल बाद कम होता है. यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के रिसर्च से खुलासा हुआ है. रिसर्च में ये भी पाया गया कि सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बितानेवाली लड़कियों को अधिक डिप्रेशन का सामना करना पड़ा.
वीडियो गेम्स लड़कों में डिप्रेशन के लक्षण को करता है कम
शोधकर्ताओं का कहना है कि खोज से पता चलता है कि अलग-अलग स्क्रीन समय कैसे सकारात्मक या नकारात्मक तरीके से युवाओं की दिमागी सेहत को प्रभावित कर सकता है और लड़के-लड़कियों पर भी अलग ढंग से असरअंदाज हो सकता है. साइकोलॉजिकल मेडिसीन में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक 11 साल की उम्र में वीडियो गेम्स खेलने की आदत आने वाले तीन वर्षों में डिप्रेशन के लक्षण से बचाती है जबकि लड़कियों में ज्यादा सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने की आदत उन्हें ज्यादा डिप्रेशन का शिकार बनाती है.
रिपोर्ट के मुताबिक, जिन लड़कियों ने 11 साल की उम्र में सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल किया, उनमें डिप्रेशन के लक्षण तीन साल बाद 13 फीसद अधिक पाए गए. पीएचडी के छात्र और शोधकर्ता आरोन कंडोला कहते हैं, "स्क्रीन हमें विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत देते हैं. स्क्रीन की अवधि के बारे में गाइडलाइन्स और सुझाव हमारी समझ पर निर्भर करना चाहिए कि कैसे ये विभिन्न गतिविधियां दिमाग की सेहत को प्रभावित कर सकती हैं और क्या इस प्रभाव का कोई मतलब है."
आगे उन्होंने बताया, "हम पुष्टि नहीं कर सकते हैं कि क्या वीडियो गेम्स खेलने से वास्तव में दिमाग की सेहत सुधरती है, मगर ये हमारे रिसर्च में नुकसानदेह नहीं नजर आई बल्कि कुछ फायदे दिखाई दिए. विशेषकर महामारी के दौरान, वीडियो गेम्स अहम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म युवाओं के लिए रहे हैं. हमें बच्चों के स्वास्थ्य के लिए स्क्रीन के समय को कम करने की जरूरत है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि स्क्रीन का इस्तेमाल स्वाभाविक रूप से नुकसानदेह है." शोधकर्ताओं ने 11 हजार 341 किशोरों पर किए गए एक रिसर्च के डेटा का मूल्यांकन किया. रिसर्च में शामिल वॉलेंटियर से बाद में प्रश्नावली भरने को कहा गया.
स्क्रीन का समय और दिमागी सेहत पर रिसर्च की जरूरत
प्रश्नावली में वीडियो गेम्स खेलना, सोशल मीडिया पर बिताया गया समय, या 11 साल की उम्र में इंटरनेट का इस्तेमाल शामिल था. वॉलेंटियर को 14 साल की उम्र में डिप्रेशन के लक्षण जैसे मूड, खुशी का नुकसान और कमजोर एकाग्रता के बारे में भी बताने के लिए कहा गया. जवाब के आधार पर शोधकर्ताओं ने नतीजा निकाला कि जिन लड़कों ने 11 और 12 साल की उम्र में वीडियो गेम्स खेला, उनके डिप्रेशन के लक्षण 24 फीसद कम हो गए. उन्होंने कहा कि स्क्रीन का समय और दिमागी सेहत के बीच संबंध पेचीदा है, और उसे समझने के लिए ज्यादा रिसर्च करने की जरूरत है. फिलहाल, ये रिसर्च स्क्रीन समय के संभावित फायदों की तरफ इशारा करते हैं, लेकिन युवाओं को शारीरिक रूप से सक्रिय रहने के लिए प्रेरित करना चाहिए.
अजीम प्रेमजी ने बोले- सरकार प्राइवेट क्षेत्र को साथ ले तो दो महीने में 50 करोड़ को लग सकता है टीका
जननी सुरक्षा योजना से कैसे और कितनी मदद उठा सकती हैं गर्भवती महिलाएं, पढ़ें इससे जुटी पूरी जानकारी
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )