आजकल के बीजी लाइफ में अपने बच्चों को अच्छी आदतें सीखाना माता-पिता के लिए एक चुनौतीपूर्ण काम है.क्योंकि माता-पिता अपने काम में बीजी रहते हैं और वे अपने बच्चों को काम वालों के सहारे या अकेले घर में छोड़ कर चले जाते हैं. जब तक बच्चा छोटा है उसे समझाना और सिखाना आसान होता है, लेकिन जब बच्चा बड़ा होता है, तब उसके विचार और व्यवहार में बदलाव आता है. बच्चे अक्सर दूसरों का अनादर करते हैं, असहीमती से व्यवहार करते हैं और कई बार अशिष्ट बातें कहते हैं.



बच्चों को डाँटना 


माता-पिता अपने बच्चों को डाँटते हैं जब वे अशिष्ट व्यवहार करते हैं, लेकिन यह बच्चे को और अधिक कठिनाई में डाल सकता है. वह तुरंत चुप हो जाएगा लेकिन उसके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं होगा. इस प्रकार की स्थिति में, अगर आपका बच्चा बहुत गुस्से में है और गुस्से में दूसरों से कठिनाई में बातें कहता है, तो उसे डाँटने की बजाय, उसकी आदत सुधारें. अपने बच्चे की बुरी आदतें सुधारने के लिए इन तरीकों को अपनाएं.


आस-पास के माहौल 


बच्चे के व्यवहार का कारण अक्सर उसके आस-पास के माहौल से आता है.बच्चे ज्यादातर देखकर सीखते हैं. इस प्रकार की स्थिति में अगर बच्चा अशिष्ट व्यवहार करता है, तो उस पर चिल्लाने की बजाय, उससे प्रेमपूर्वक बातचीत करें. एक बार जब बच्चे का क्रोध शांत हो जाता है, तो वह शांतिपूर्ण रूप से बातचीत करेगा और समझेगा कि आप क्या कह रहे हैं.


जिद्दी बच्चा


अक्सर बच्चा जिद्दी होकर बहस करना शुरू कर देता है. बहस करने की आदत बच्चे में क्रोध और गुस्सा बढ़ाती है और उसे विवादों में बदतमीजी करने की ओर ले जाती है, लेकिन विवाद हमेशा दो व्यक्तियों के बीच होता है. अगर बच्चा आपसे बहस करता है, तो उस समय शांत रहें. बच्चे के साथ बहस करने से बचें और उसकी बातें सुनें. इससे वह भी आपकी बातें ध्यान से सुनेगा और कम जिद्दी होगा.


ये भी पढ़ें : ये छोटी-छोटी बातें ला सकती हैं कपल्स में दूरी, आप भी जानें