कैसे पहचानेंगे बच्चे में फ्लू संक्रण के लक्षण हैं या नहीं? जानिए बीमारी के जोखिम
फ्लू की पेचीदगी के कारण दो साल से नीचे के बच्चों, यहां तक कि हेल्दी बच्चों को, ज्यादा उम्र वाले बच्चों के मुकाबले अस्पताल में भर्ती होने का अधिक जोखिम है.
फ्लू एक सबसे ज्यादा गंभीर वायरस है. अधिकतर बच्चे कम से कम एक सप्ताह के लिए फ्लू से बीमार पड़ जाते हैं. हालांकि, कुछ बच्चों में ज्यादा गंभीर बीमारियां हो सकती हैं और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है. फ्लू गले का संक्रमण की वजह बन सकता है या मौत का भी.
फ्लू का वायरस छींकने या खांसने से एक बच्चे से दूसरे तक प्रसारित होता है. वायरस सतह, दरवाजे का हैंडल, खिलौना, पेन्सिल, की बोर्ड, मोबाइल पर भी संक्षिप्त समय के लिए रह सकता है. ये साझा पानी और बर्तन से भी फैल सकता है.
अगर आपका बच्चा कुछ छूता है कि जिसे एक संक्रमित शख्स ने छू लिया है और फिर अपना मुंह, आंख, नाक छूता है तो इससे भी आपका बच्चा फ्लू वायरस की चपेट में आ जाएगा. आपके बच्चे को फ्लू है या नहीं, बताना मुश्किल हो सकता है. बीमारी तेजी से धावा बोलती है और ये जुकाम के मुकाबले ज्यादा गंभीर होती है. बच्चे बीमार होने के दो या तीन दिनों पहले से आम तौर पर खराब महसूस करता है.
ए और बी प्रकार का इन्फलुएंजा- इन दोनों प्रकार के वायरस से बीमारी हो सकती है और बड़ी आबादी को अपनी चपेट में लेता है. फ्लू की समस्या होने का एक कारण वायरस के रूप में बार-बार बदलाव है. इसका मतलब हुआ कि हर साल लोगों को नए प्रकार के वायरस से खतरा है.
सी प्रकार का एन्फलुएंजा- ये वायरस मामूली सांस की बीमारी का कारण बनता है. इसका परिणाम एपेडमिक होता है. उसका एन्फलुएंजा ए और बी प्रकार के जैसा स्वास्थ्य पर समान गंभीर प्रभाव नहीं पड़ता.
इन स्थितियों में फ्लू का ज्यादा है खतरा-
अगर बच्चा फ्लू से संक्रमित शख्स के पास है
अगर उसने फ्लू के खिलाफ वैक्सीन नहीं लगवाई है
संक्रमित सतह के संपर्क में आने के बाद हाथ या पांव का न धोना
बच्चे की सर्दी के लक्षण क्या हैं
इन्फलुएंजा सांस की बीमारी है लेकिन पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है. बच्चा अचानक बीमार बिना लक्षणों के बताए पड़ सकता है. सिर दर्द, गले की खराश, नाक का बहना, ज्यादा खांसी, मतली, उल्टी, डायरिया, 103 डिग्री बुखार से पीड़ित होना बीमारी के लक्षण हैं.
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