एसिड रिफ्लक्स की समस्या को मेडिकल की भाषा में गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) कहा जाता है. एसिड रिफ्लक्स की समस्या आज कल हर ग्रुप के लोगों में ज्यादा देखी जा रही है. इसकी वजह है खान-पान की गलत आदत, असमय भोजन करना, खाली पेट रहना और खाते ही लेट जाना. एसिड रिफ्लक्स के लक्ष्णों में खाने का बार-बार गले तक आना शामिल है. स्थिति गंभीर होने पर खट्टी डकारें आने लगती हैं.
एसिड रिफ्लक्स से बचाव के उपाय
देखा गया है कि भोजन का प्रकार पेट के एसिड की मात्रा के पैदा करने पर निर्णय लेता है. सही प्रकार के भोजन खाने का असर एसिड रिफ्लक्स काबू करने में जादू कर सकता है. रिसर्च से पता चला है कि फाइबर का ज्यादा सेवन, खासकर फल और सब्जियों की शक्ल में एसिड रिफ्लक्स से बचाने में मदद करता है. एसिड रिफ्लक्स को काबू करने और उसके लक्षणों को कम करने के लिए डाइट में फूड्स को शामिल करने की जानकारी मुफीद साबित होगी.
सब्जी- सब्जी से भरपूर डाइट एसिड रिफ्लक्स के नियंत्रण में उचित है क्योंकि सब्जियां प्राकृतिक रूप से फैट और शुगर में कम होती हैं और पेट के एसिड को रोकने में मदद करती हैं. सब्जी जैसे हरी सेम, ब्रोकोली, फूलगोभी, पत्तेदार सब्जियां, आलू और खीरा एसिड रिफ्लक्स प्रबंधन के लिए शानदार है. मुख्य बात ये है कि सभी सब्जियों को कम से कम तेल में पकाया जाए.
अदरक- सूजन-रोधी गुणों का प्राकृतिक खजाना, अदरक पेट की जलन और पेट से जुड़ी समस्याओं का प्राकृतिक इलाज है. गंभीर एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों से राहत के लिए कसा हुआ या कटा हुआ अदरक रेसिपी में इस्तेमाल करें या कम से कम दिन में एक बार अदरक की चाय पीएं. याद रखिए उसी तरह बहुत ज्यादा नुकसानदेह भी है.
फल- सभी ताजा फल निश्चित रूप से लक्षणों से राहत दिलाने में आसानी पैदा करेंगे. लेकिन खट्टे फलों को प्रतिबंधित करें अगर आप एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों से जूझ रहे हैं.
अंडे की सफेदी- एसिड रिफ्लक्स नियंत्रण के लिए ये बेहतरीन विकल्प है. हालांकि, अंडे की जर्दी से परहेज करना होशियारी होगा क्योंकि उसमें फैट की मात्रा भरपूर होती है और उसके नतीजा एसिड रिफ्लक्स के लक्षण रूप में हो सकता है.
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