कुत्ते की छाती से डॉक्टर ने निकाला 4 किलो का ट्यूमर, फुटबॉल जितना था साइज
Tumor Surgery In Dog: पुणे में एक डॉग मिलो के फुटबॉल के आकार और 3- 4 किलो के ट्यूमर की सफलता पूर्वक सर्जरी की गई है. छाती पर इतने बड़े ट्यूमर की वजह से मिलो को चलने फिरने में परेशानी होती थी.
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Pune Dog Tumor: पुणे में एक डॉक्टर ने, कुत्ते की सर्जरी करके 3 से 4 किलो का एक ट्यूमर निकाला है. ये ट्यूमर एक फुटबॉल जितना बड़ा था. इस कठिन सर्जरी को लघु पशु क्लीनिक (पशु चिकित्सा) सर्जन डॉ. नरेंद्र परदेशी के नेतृत्व में बनी एक टीम ने अंजाम दिया. इस कुत्ते का नाम है 'मिलो'. मिलो की उम्र 12.5 साल है. ट्यूमर निकलने के बाद मिलो आराम से चल पा रहा है.
ट्यूमटर की वजह से चल नहीं पाता था मिलो
सामान्य तौर पर चार किलो काफी ज्यादा वजन है. खासकर किसी कुत्ते के लिए चार किलो का वजन बहुत ज्यादा है. इस ट्यूमर की वजह से मिलो को चलने फिरन और उठने-बैठने में काफी परेशानी होती थी. दरअसल ट्यूमर का पता 3 साल पहले ही चल गया था, लेकिन उस वक्त इसका आकार बहुत छोटा एक नोड्यूल के जितना था. इससे मिलो को कोई परेशानी नहीं हो रही थी, लेकिन पिछले साल बायोप्सी में इसका साइज काफी बड़ा नजर आया. ट्यूमर एक फुटबॉल के साइज जितना बड़ा और भारी था. जिसकी वजह से डॉग मिलो पिछले कुछले कुछ दिनों से अपनी डेली की एक्टिविटी भी नहीं कर पा रहा था.
सिर्फ 20 मिनट में हो गए इतने बड़े ट्यूमर की सर्जरी
भारत के प्रमुख वैट सर्जन डॉ नरेंद्र परदेशी ने कहा, “इतने बड़े फैटी ट्यूमर की वजह से मिलो काफी परेशान था. मिलो की पीठ पर होने वाला ये ट्यूमर करीब 3-4 किलो का था. डॉक्टर्स की टीम ने ये पहले ये चेक किया कि कहीं ये कैंसर के जैसा फैलने वाला ट्यूमर तो नहीं है. डॉक्टर परदेशी ने कहा, "आम तौर इस तरह की सर्जरी करने के लिए 6-8 इंच का कट लगाकर बड़े ट्यूमर को हटाया जाता है, लेकिन, हमने केवल 1.5 सेमी काटकर ट्यूमर को हटाने के लिए मोरसेलेटर का उपयोग करके सीओ 2 इंसफ्लेटर एन का उपयोग करके एक दुर्लभ न्यूनतम इनवेसिव लिपोमा सर्जरी की है. सर्जरी को करने में 20 मिनट का समय लगा. सर्जरी के करीब 6 घंटे बाद मिलो अपने पैरों पर खड़ा हो रहा था और चल फिर रहा था. ये इस तरह की दुनिया की पहली लैप्रोस्कोपिक न्यूनतम इनवेसिव सर्जरी है.
कई बीमारियों से पीड़ित है मिलो
आपको बता दें मिलो की उम्र 12 साल से ज्यादा है और उसे कई स्वास्थ्य समस्याएं हैं. पिछले कुछ समय से मिलो टिक फीवर, और पिछले पैरों में हिप डिस्प्लेसिया का शिकार रहा है, जिसकी वजह से चल फिर पाना मुश्किल होता था. हालांकि पीआरपी थेरेपी से हिप डिस्प्लेसिया का इलाज किया गया और वे ठीक हो गया था. हार्ट संबंधी परेशानी होने की वजह से मिलो के परिवार के लोग इस सर्जरी से डर रहे थे. हालांकि अब सर्जरी के बाद मिलो स्वस्थ है.
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