अमेरिका में 3 में से एक युवा को नींद की कमी का शिकार पाया गया है. सीडीसी के मुताबिक इसका मतलब हुआ कि हर रात पर्याप्त नींद से युवा महरूम हैं. और कम सोना वजन घटाने को प्रभावित कर सकता है.
सीडीसी का कहना है कि अगर बॉडी मास इंडेक्स 30 से ऊपर है तो ऐसा शख्स मोटा माना जाएगा. एक नए शोध में बताया गया है कि 30 से ऊपर बॉडी मास इंडेक्स वाले लोग 30 से नीचे बॉडी मास इंडेक्स वालों की तुलना में 15 मिनट कम सोते हैं. शोध को सितंबर के मध्य में जामा इंटरनल मेडिसीन में प्रकाशित किया गया था. शोधकर्ताओं ने 1 लाख 20 हजार लोगों की नींद का मुआयना किया.
वजन में कमी का क्या है प्रमुख कारण?
उन्होंने पाया कि उनकी औसत रात की नींद 6 घंटे 47 मिनट रही. हालांकि उन्होंने ये भी पाया कि ‘छोटी नींद की अवधि और लंबी नींद में बदलाव दोनों का संबंध ज्यादा बॉडी मास इंडेक्स से है.’ प्रतिभागियों के नींद का पैटर्न मालूम करने के लिए एप और फिटनेस ट्रैकर का इस्तेमाल किया गया. साथ ही शरीर की लंबाई और वजन भी रिपोर्ट की गई. शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के स्वास्थ्य की अन्य स्थिति पर गौर नहीं किया.
15 मिनट नींद की कमी का होता है प्रभाव
शोध के बाद पता चला कि डिवाइस या ट्रैकिंग वाच पहननेवाले लोगों की आर्थिक सामाजिक स्थिति ज्यादा मजबूत पाई गई. इसके अलावा ऐसे लोग ज्यादा स्वस्थ और मजबूत पाए गए. शोधकर्ताओं ने बताया कि उनका नतीजा अन्य आबादी पर लागू नहीं होता है. उन्होंने ये भी बताया, “जबकि हम अपने शोध के नतीजे से संबंध की दिशा का फैसला नहीं कर सकते मगर हमारा नतीजा उस धारणा का समर्थन करता है जिसमें बताया गया है कि नींद का पैटर्न वजन प्रबंध और संपूर्ण स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है.” एक दूसरा कारण ये भी है कि रात में 15 मिनट कम सोने का वजन घटने पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है.
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