अभी तक आपने गाय, भैंस, बकरी, ऊंट के दूध के बारे में सुना होगा. लेकिन पहली बार भारत में गधी के दूध की तैयारी चल रही है. हरियाणा के हिसार में गधी के दूध के लिए डेयरी की स्थापना की जा रही है. भारतीय अश्व अनुसंधान केंद्र (NRCE) ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है.


पहली बार गधी के दूध के लिए डेयरी


NRCE हलारी नस्ल के गधी की डेयरी स्थापित करेगा. इस मकसद के लिए 10 गधी को पहले ही मंगाया जा चुका है. बताया जाता है कि उनकी ब्रीडिंग NRCE कर रहा है. गधी का दूध मानव शरीर के लिए अच्छा होता है और इम्युनिटी बढ़ानेवाला साबित होता है. हलारी नस्ल की गधी गुजरात में पाई जाती है और इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य और ब्यूटी उत्पाद के लिए काफी मुफीद माना जाता है. इसमें दवाइयों के लिए अहम तत्व पाए जाते हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक गधी का दूध कैंसर, एलर्जी, मोटापा से लड़ने में मदद पहुंचाता है.


दूध स्वास्थ्य, ब्यूटी उत्पाद के लिए मुफीद


आम तौर पर बच्चों में गाय, भैंस के दूध से एलर्जी की शिकायत होती है. मगर हलारी नस्ल की गधी के दूध में एलर्जी नहीं मिलती है. दूध बच्चों के लिए मुफीद माना जाता है क्योंकि इसके सेवन से संक्रमण या एलर्जी की शिकायत नहीं होती. इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स और एंटी एजिंग तत्वों की भरपूर मात्रा पाई जाती है. खबरों के मुताबिक एक लीटर हलारी नस्ल के गधी के दूध की कीमत सात हजार रुपये होती है. इसके अलावा बाजार में गधी के दूध की कीमत अलग-अलग दरों पर भी मिलते हैं. इससे बनाए जानेवाले ब्यूटी उत्पाद काफी महंगे होते हैं. गधी के दूध से साबुन, बॉडी लोशन और लिप बाम तैयार किए जाते हैं.



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