Forced Apology Psychology: आजकल हर दूसरे बच्चे की यही समस्या है कि गलती करने पर भी बच्चा सॉरी नहीं बोलता है. कई बार लगती से ज्यादा माता पिता को इस बात के लिए शर्मिंदा होना पड़ता है कि बच्चा उनके लाख बार कहने पर भी सॉरी नहीं बोलता है. आजकल बच्चे अपनी गलती होने पर भी कई बार सॉरी नहीं बोलते. ऐसे में आपको यहां समझने की जरूरत है. बच्चे को उस वक्त सॉरी बोलने के लिए नहीं कहें, क्योंकि इससे बच्चे को लगता है कि सॉरी बोल दूंगा तो बच जाऊंगा. बल्कि आपको बच्चे को सॉरी दिल से फील करवाना है.


बच्चे को ये बताएं ये उसका ऐसा व्यवहार कितना गलत है. उसे बताएं कि अगर कोई आपके साथ ऐसा करे तो आपको कितना बुरा लगेगा. अगर आपके बच्चे में भी ऐसी प्रोबलम है तो उसे इस तरह से हैंडल करें. 


बच्चा Sorry न बोले तो क्या करें?



  • सॉरी बोलो नहीं सॉरी सोचो- अगर बच्चा किसी से मिसबिहेव करे तो उसे उस वक्त सॉरी बोलने पर ज्यादा जोर न दें. बच्चो को सॉरी बुलवाने से ज्यादा अच्छा है कि उसे सॉरी फील कराएं. बच्चा सॉरी बोले या न बोले सॉरी की फीलिंग उसके अंदर होना जरूरी है.

  • कॉंटेन्ट नहीं इंटेंट ठीक करें- बच्चे को अनुशासन की बातें बताएं. उसे ऐसी स्टोरी सिखाएं कि क्या गलत है क्या सही है. हमें दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए. क्या बोलना और करना चाहिए. बच्चे का इंटेंट ठीक करने पर जोर दें.

  • पब्लिक में शर्मिंदा न करें- बार-बार बच्चे को सॉरी बोलने या फिर सबके सामने डांटने की बजाय उसे अकेले में समझाएं. उसे बताएं कि उसका व्यवहार कितना गलत था. उसे उसकी गलती का अहसास करवाएं. नहीं हो बच्चे को लगेगा सिर्फ सॉरी बोलने से बच जाते हैं और वो फिर से वही लगती करेगा.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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