आनेवाले त्योहार दुर्गा पूजा, दशहरा और दिवाली के मौसम में भारतीय परिवार खर्च करने को तैयार हैं. खर्च पर मंसूबा बनानेवालों का प्रतिशत मई में 30 फीसद से बढ़कर 60 फीसद हो गया है. ये खुलासा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोकल सर्कल्स की तरफ से किए गए सर्वेक्षण में हुआ है. सर्वे के मुताबिक बढ़ोतरी आर्थिक अनिश्चितता में बड़ी कमी का संकेत है क्योंकि मई में कोरोना की दूसरी लहर चरम पर थी.


त्योहारों पर खर्च करनेवालों की संख्या में वृद्धि


नतीजे 396 जिलों में 38,000 परिवारों से 115,000 प्रतिभागियों पर आधारित हैं. सर्वे में शामिल पुरुष प्रतिभागियों की संख्या 63 फीसद और महिलाओं की संख्या 37 फीसद थी. सर्वेक्षण के मुताबिक त्योहारी मौसम में 60 फीसद परिवारों का खर्च करने पर मंसूबा बनाना संकेत करता है कि 'आर्थिक अनिश्चितता बहुत कम हो गई जबकि कोरोना की दूसरी लहर के चरम में इसके विपरीत मामला था'. अधिकतम खुदरा मूल्य की खरीदारी के सवाल पर 9,269 प्रतिभागियों की 16 फीसद ने 'हां' में जवाब दिया. 49 फीसद ने 'ना' में गर्दन हिलाया और 35 फीसद ने खुद को फैसला कर पाने की स्थिति में नहीं पाया.


मई में 30 फीसद से बढ़कर 60 फीसद आंकड़ा


दूसरे सवाल पर 9,381 प्रतिभागियों में से 39 फीसद त्योहारी मौसम में ऑनलाइन खरीदारी के पक्ष में नजर आए, 13 फीसद ने स्थानीय दुकान से होम डिलीवरी की सुविधा अपनाने की बात कही और 40 फीसद 'किराना दुकान या बाजार जाकर खरीदारी करने पर सहतमि जताई'. जब बारी फूड सामग्री की आई तो 72 फीसद ने मेवा, पारंपरिक मिठाई, बेकरी के सामान और चॉकलेट खरीदने की संभावना जताई. त्योहारी मौसम में किराना सामान पर खर्च करनेवाले 41 फीसद 'खास सामान और फल' को माना.


सर्वे में पाया गया कि करीब 67 फीसद के ब्यूटी और फैशन कैटेगरी में शामिल कपड़े और परिधान खरीदने की संभावना थी, 30 फीसद जूते, बैग और दूसरे सामान पर खर्च करने का मंसूबा बनाते नजर आए. सर्वे से ये भी पता चला कि त्योहार पर तोहफा देने के लिए 48 फीसद ने ऑनलाइन ऑर्डर करने की उम्मीद जताई, 42 फीसद स्थानीय स्तर पर खरीदने को तैयार मिले और 10 फीसद ने ई शगुन का विकल्प चुनने की बात कही.


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