(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मानसून में बीमारियों से रहना है सुरक्षित, तो इन जड़ी बूटियों की चाय का करें इस्तेमाल
मानसून का मौसम एक तरफ जहां गर्मी से राहत लेकर आता है, तो दूसरी तरफ बीमारी का भी कारण बनता है. आपके लिए ये मौसम मसालेदार जड़ी बूटी से बनी चाय को पीने के लिए उपयुक्त है.
मानसून के दौरान तापमान में अचानक बदलाव जुकाम और बुखार के लिए हमें ज्यादा संवेदनशील बनाता है. बरसात का मौसम बीमारी फैलाने वाले रोगाणुओं और वायरस के लिए जाना जाता है. उसका हमारी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. भारत में चाय बड़े पैमाने पर पी जाती है और मानसून में खासकर कुछ ज्यादा. रिमझिम फुहारों के बीच चाय की चुस्की से मौसम का आनंद दोगुना हो जाता है. लेकिन सामान्य चाय के बजाए अगर मसाला जड़ी बूटी की चाय का इस्तेमाल किया जाए, तो फ्लू की रोकथाम और इलाज करने के काम आ सकती है. पारंपरिक तौर पर जड़ी बूटी भारतीय आयुर्वेद का हिस्सा हैं और मसालेदार चाय मौसमी बीमारियों के खिलाफ हमेशा हमारी पहली पसंद रही हैं. आपको कुछ जड़ी बूटियों के नाम बताए जा रहे हैं जो एक या दो कप के लिए इस मौसम में उपयुक्त हैं.
अदरक- अदरक सदाबहार मसाला और हर किचन की प्रमुख सामग्री है. जड़ी बूटी विटामिन बी6 से भरपूर होती है और उसके कई एंटीऑक्सीडेंट्स के कारण औषधीय मूल्य हैं. जिंजरोल यौगिक की मौजूदगी के कारण ये एक असरदार इम्यूनिटी बूस्टर का भी काम करती है.
मुलेठी- मुलेठी का इस्तेमाल पारंपरिक तौर पर सर्दी, खांसी, इम्यूनिटी बढ़ाने और लिवर को मजबूत करने के लिए किया जाता रहा है. ये कफ को ढीला करने में मदद करती है जो सीने में जकड़न, जुकाम और खांसी का प्रमुख कारण होता है. जड़ी बूटी हमारा इम्यूनिटी सिस्टम बढ़ाकर बाहरी रोगाणु, प्रदूषकों और एलर्जी से हमारे शरीर की रक्षा भी करती है. मुलेठी के एक्टिव यौगिक कब्ज दूर करने, पाचन सुधारने और स्वस्थ आंत प्राप्त करने में हमारी मदद करते हैं.
तुलसी- करीब हर घर में इस जड़ी बूटी का पौधा पाया जाता है. ये विटामिन सी और जिंक में भरपूर होती है. उसके अलावा, ये वारयल रोधी, बैक्टीरिया रोधी और फंगल रोधी है और फाइटोकेमिकल्स, बाओफ्लवोनॉइड् और एंटीऑक्सीडेंट्स यौगिक का उसका मिश्रण सांस संबंधी बीमारियों जुकाम और खांसी से लेकर अस्थमा और ब्रोंकाइटिस से लड़ने में मदद करता है.
ब्राह्मी- एक औषधीय पौधा है जो भूमि पर फैलकर बड़ा होता है. ये शरीर में महत्वपूर्ण पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट्स का सुरक्षा कवच पैदा करने में मदद करती है जो संक्रमण और बीमारियों से लड़ने के काम आती है. ब्राह्मी तनाव के साथ-साथ चिंता को दूर करने में फायदेमंद है.
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