नई दिल्लीः आज के समय में युवाओं में स्मोकिंग काफी हद तक बढ़ गई है. वहीं ई-स्मोकिंग के जरिए स्मोकिंग की लत को कम करने की बात कही गई थी. अब ई-स्मोकिंग पर हुई एक रिसर्च बताती है कि इससे शरीर को काफी नुकसान पहुंच सकता है. रिसर्च में बताया गया है कि ई-सिगरेट के लगातार इस्तेमाल से वह युवा जो स्मेकिंग नहीं करते थे, वह भी स्मोकिंग करने लगे हैं.


सिगरेट स्मोकिंग संयुक्त राज्य अमेरिका में मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण है. वहीं पिछले कई दशकों में युवाओं में सिगरेट स्मोकिंग में गिरावट आई है, तो ई-सिगरेट का उपयोग निकोटीन उपयोग के लिए एक नया जोखिम प्रस्तुत करता है. सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के 2019 के एक अध्ययन में पाया गया कि हाईस्कूल के 28% और मिडिल स्कूल के 11% छात्र वर्तमान ई-सिगरेट उपयोगकर्ता थे. युवाओं में नए और संभावित रूप से अत्यधिक नशे की लत ई-सिगरेट उत्पादों के बाजार में आने का साथ हुई


अध्ययन के प्रमुख लेखक ओलेगुन ओवोतोमो का कहना है कि 'हमारे अध्ययन से पता चलता है कि ई-सिगरेट किशोरों को सिगरेट पीने के लिए प्रेरित कर सकती है, तब भी जब उनका ऐसा करने का कोई पूर्व इरादा नहीं है.' उनका कहना है कि कुछ मामलों में ई-सिगरेट पहले से स्मोकिंग के लती हो गए लोगों को स्मोकिंग से निजात दिलाने में मदद कर सकते हैं, लेकिन आने वाले समय में इसके काफी दुष्परिणाम देखने को मिल सकते हैं.


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