डिजिटल डिवाइस और ऑडियो गैजेट्स पर अधिक निर्भरता किसी के स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित करती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक ऑडियो गैजेट्स के ज्यादा इस्तेमाल से ध्वनि प्रेरित बहरापन का खतरा मंडरा रहा है. एक अनुमान के मुताबिक, दुनिया भर के 1.1 बिलियन बच्चों और युवा वयस्कों को इसका खतरा है. बहरेपन की चेतावनी के संकेत को नजरअंदाज करने पर नुकसान की गंभीरता ज्यादा हो जाती है. खतरे के संकेत में बार-बार सवाल का पूछना, दूसरों के कहने का अस्पष्ट समझ, फोन पर सुनने में समस्या, सामान्य लेवल के मुकाबले टेलीविजन का ज्यादा वॉल्यूम, पक्षियों के चहकने को सुनने में दिक्कत, बातचीत से थकावट, कान या सिर में झनझनाहट का शोर शामिल हैं.


स्वस्थ हियरिंग के लिए इन आदतों को करें दूर


लंबे समय तक जोर आवाज में सुनना युवाओं में बहरेपन की एक बड़ी वजह हो सकती है. इसके अलावा, ईयरफोन की दोस्तों के बीच अदला-बदली और उसकी सफाई नहीं करने से कान के संक्रमण का खतरा बढ़ाता है. ईयरफोन पर जोर आवाज में निरंतर सुनने से भी यूजर के बीच ध्यान की भावना को घटाता है. हालांकि, अगर ईयरफोन का इस्तेमाल से पूरी तरह बचना संभव नहीं है, तब सलाह दी जाती है कि हेडफोन से सुनने को 60 फीसद वॉल्यूम से ज्यादा न किया जाए और एक दिन में 60 मिनट से ज्यादा सुनने से परहेज किया जाए. बेहतर है कि नॉइज-कैंसलिंग हेडफोन का इस्तेमाल किया जाए, जिससे सुनने की गुणवत्ता से समझौता किए बिना वॉल्यूम कम करने में मदद करता है.


कानों में ऊंगली डालना या अन्य वस्तुओं को डालने कान का परदा टूटने, कान नलिका कटने का खतरा रहता है. नाखून में बहुत ज्यादा सूक्ष्म बैक्टीरिया होते हैं जो संक्रमण की वजह बन सकते हैं. अगर कोई डायबिटीज या प्री-डायबिटीज की स्थिति में है, तब उसे इस तरह के संक्रमण का खतरा और ज्यादा हो जाता है और खुजली हो सकती है. कुछ लोग पेपर की क्लिप या कलम की ढक्कन इस्तेमाल करते हुए कानों को खुजलाने के आदी होते हैं. ऐसी स्थिति में नुकसान रोकने के लिए इस तरह की आदतों को फौरन सुधारना चाहिए. कान साफ करने के लिए सरसों तेल, खाद्य तेल ना डालें क्योंकि इससे संक्रमण को बढ़ावा मिलता है.


सुनने में समस्या होने पर डॉक्टर है जरूर


कान का दर्द या सुनने की क्षति पर डॉक्टर की सलाह लेने के लिए नहीं जाना भी समस्या को बढ़ा सकता है. अगर आपको सुनने में दुश्वारी, कानों या सिर में लगातार शोर का अनुभव करने पर तत्काल मेडिकल सलाह की जरूरत हो जाती है. कानों में भनभनाहट, सुनने की स्पष्टता की कमी और कान बंद हो जाने का अनुभव बहरेपन के मजबूत संकेत हैं जिसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. पुरानी बीमारियां, स्वास्थ्य की स्थिति, दवाइयां भी बहरेपन में योगदान कर सकती हैं. इसलिए, निर्देश के मुताबिक दवाइयों का इस्तेमाल करें और बिना देर किए किसी समस्या के होने पर डॉक्टर की सलाह लें.


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