नई दिल्ली: वर्तमान की जीवन शैली के कारण कई लोगों की सेहत पर असर पड़ रहा है. रोजमर्रा की जिंदगी में कुछ ना कुछ उल्टा-सीधा खाने में आ ही जाता है. जिसका परिणाम बीमारियों के रूप में सामने आता है. वहीं कुछ लोगों में एक धारणा देखी गई है कि वे इसलिए घी नहीं खाते हैं क्योंकि उनको मोटे होने का डर रहता है.
कुछ लोग मोटे होने के डर से घी खाना बंद कर देते हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा करके वह लोग घी से मिलने पौष्टिक तत्वों को शरीर से दूर कर रहे हैं. रिफाइंड ऑयल की तुलना में घी सेहत के लिए फायदेमंद हैं. शुद्ध घी का सेवन शरीर को कई बीमारियों से भी बचाता है. पौराणिक ग्रंथों में घी को अमृत की तरह माना गया है. इसका प्रयोग खाने के साथ-साथ पूजन और धार्मिक कार्यों के लिए भी किया जाता है. इसीलिए बुजूर्ग लोग पहले खाने में घी का ही सेवन किया करते थे. घरों में पकवान भी घी के ही बनाए जाते थे.
इसी वजह से उन्हें दिल और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियां नहीं होती थी. आजकल घी की उपलब्धता में कमी और महंगा होने के कारण लोग रिफाइंड ऑयल आदि को विकल्प के तौर पर प्रयोग कर रहे हैं. जिससे बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक घी खाने से मोटापा नहीं बढ़ता है. रोटी में घी लगाकर खाने से शरीर को कई जरूरी तत्व मिलते हैं जिससे शरीर कई बीमारियों से दूर रहता है. घी दिल की बीमारी को भी रोकता है. कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करता है.
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