एक्सप्लोरर

Eco Friendly Diwali: दीपावली पर्यावरण का भी रखें ख्याल, ऐसे 4 मजेदार और क्रिएटिव तरीकों से मनाएं ईको फ्रेंडली दिवाली

Environment Friendly Diwali: दिवाली के बाद पॉल्यूशन अपने चरम पर पहुंच जाता है. कुछ शहरों में तो सांस लेना भी दूभर होने लगता है. यही वजह है कि अब सरकार ने पटाखों को लेकर सख्ती बरतना शुरू कर दिया है.

Diwali 2022: रोशनी और खुशियों का त्योहार दिवाली देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. इस त्योहार को मनाने का तरीका भले ही देशभर में अलग-अलग हो लेकिन उद्देश्य एक ही है. दीपावली के दिन सत्य की विजय और अंधकार पर रोशनी की जीत को मनाया किया जाता है.
 
दिवाली के दिन अपने घर को सजाने संवारने और दिए जलाने की बहुत परंपरा बहुत पुरानी है. इस दिन खुशियों और रोशनी के पर्व को सेलिब्रेट करने के लिए लोग अपने घरों को दुल्हन की तरह सजाते हैं, रंगोली बनाते हैं, जगमगाती लाइटों से घर की सजावट की जाती है, यही नहीं, ढेर सारी तैयारियों के बीच नए कपड़े पहन कर परिवार के सभी लोग पूजा करते हैं.
 
मां लक्ष्मी और गणेश जी की आराधना करने के बाद लोग पटाखे फोड़ते हैं. हालांकि इस बात से हर कोई वाकिफ है कि पटाखों की वजह से हमारे आसपास का पर्यावरण कितनी तेजी से दूषित हो रहा है. प्रदूषण की वजह से हम आप को भी नुकसान पहुंच रहा है. ऐसे में आप चाहें तो इस बार दीपावली ईको फ्रेंडली तरीके से मना सकते हैं. अगर आपके मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर ईको फ्रेंडली दीपावली कैसे मनाई जा सकती है. तो आज हम आपको रोशनी और खुशियों के इस त्योहार को मनाने के लिए बता रहे हैं चार बेहद आसान और मज़ेदार टिप्स.
 
ऐसे मनाएं ईको फ्रेंडली दिवाली
1.पटाखों को कहें NO
हर साल दिवाली के बाद पॉल्यूशन अपने चरम पर पहुंच जाता है. कुछ शहरों में तो सांस लेना भी दूभर होने लगता है. यही वजह है कि अब राज्य सरकारों ने अपने-अपने राज्यों में पटाखों को लेकर सख्ती बरतना शुरू कर दिया है. ऐसे में आप ईको फ्रेंडली दिवाली मनाते हुए पटाखों का लुत्फ भी उठा सकते हैं और प्रदूषण कम करने में मदद भी कर सकते हैं. इसके लिए आप बच्चों को पटाखों की बजाय गुब्बारे या रंगीन कागज के गुब्बारों को फोड़कर दिवाली को एंजॉय करना सिखाएं. ये पटाखे फोड़ने का एक बेहतरीन ऑप्शन है. बच्चे गुब्बारे फुलाकर आपस में फोड़ सकते हैं जिससे उन्हें मजा भी आएगा और पटाखे की मस्ती भी होगी. दीपावली के त्यौहार पर इस तरह पटाखे फोड़ना बेहद मजेदार और क्रिएटिव तरीका हो सकता है.
 
2. मोमबत्ती से नहीं दिये से सजाएं घर
वैसे तो दिवाली पर दिये जलाने की पुरानी परंपरा है लेकिन इन दिनों मोमबत्तियों का क्रेज तेजी से बढ़ा है. हालांकि मोमबत्तियां से पर्यावरण को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचता है. दरअसल मोमबत्तियों में पेट्रोलियम पदार्थ होते हैं जो प्रकृति को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में घरों को सजाने के लिए आप मोमबत्ती की बजाय मिट्टी के दिये और एलईडी लाइटों का इस्तेमाल कर सकते हैं. एलईडी लाइटें जलाने से बिजली की खपत कम होती है.
 
3. ऑर्गेनिक रंगोली बनाएं
क्या आप जानते हैं कि हम अपने घरों में जिन रंगों से रंगोली सजाते हैं वह जमीन को प्रदूषित करने का काम कर सकते हैं क्योंकि उनमें केमिकल होता है. ऐसे में इस साल इको फ्रेंडली दिवाली मनाते हुए आप फूल या फिर चावल का उपयोग करके बेहद खूबसूरत रंगोली सजा सकते हैं.  रंगोली देखने में जितनी खूबसूरत लगती है उतनी ही प्राकृतिक भी होती है. अपनी रंगोली को रंगो से  भरने के लिए आप चावल कॉफी पाउडर हल्दी और कुमकुम का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इसके अलावा ग्राफ फूलों की रंगोली बनाना चाहते हैं तो गुलाब की पत्तियां, कमल गेंदे का फूल और अशोक की पत्तियों को मिलाकर बेहद खूबसूरत रंगोली सजा सकते हैं.
 
4. दिवाली को ऑर्गेनिक गिफ्ट बनाएं खास 
दिवाली पर एक दूसरे को तोहफा देने का ट्रेडिशन है. ऐसे में अगर आप अपनों को उपहार देने जा रहे हैं तो चमकीली पॉलिथीन से परहेज़ करें और न्यूज़पेपर या फिर हैंडमेड पेपर से अच्छी तरह गिफ्ट को रैप कर के दें. ऐसा करना ईको फ्रेंडली भी है और लोगों को पसंद भी आएगा.दिवाली के दिन ड्राई फ्रूट्स के अलावा आप चाहें तो छोटे पौधे भी गिफ्ट कर सकते हैं. यही नहीं आप मिट्टी से बनी हुई चीजों को भी उपहार में दे सकते हैं.
 
और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'दिल्ली को दिलाएंगे LG से मुक्ति', पूर्व CM अरविंद केजरीवाल का बड़ा बयान
'दिल्ली को दिलाएंगे LG से मुक्ति', पूर्व CM अरविंद केजरीवाल का बड़ा बयान
इस राज्य के स्कूली छात्राओं को हर महीने 1000, PG में 2500 रुपये, रिलीज हुई पहली किस्त
इस राज्य के स्कूली छात्राओं को हर महीने 1000, PG में 2500 रुपये, रिलीज हुई पहली किस्त
IND vs BAN 1st T20 Live Score: भारत ने बांग्लादेश को दिया सातवां झटका, वरुण चक्रवर्ती ने लिया विकेट
LIVE: भारत ने बांग्लादेश को दिया सातवां झटका, वरुण चक्रवर्ती ने लिया विकेट
'... उसी दिन हरियाणा में कांग्रेस के पक्ष में बन गया था माहौल', एग्जिट पोल के नतीजों पर बोले दीपेंद्र हुड्डा
'उसी दिन हरियाणा में कांग्रेस के पक्ष में बन गया था माहौल', एग्जिट पोल के नतीजों पर बोले दीपेंद्र हुड्डा
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Haryana Politics: Congress नेता Bhupinder Singh Hooda की सियासी कथा! | ABP NewsLIC ने इस सरकारी बैंक में खरीदी बड़ी हिस्सेदारी, महानगर गैस के बेचे थे Share, Full Detail Paisa LiveIsrael Iran War: हिज्बुल्लाह के डिपो में विस्फोट...ग्राउंड जीरो से  EXCLUSIVE रिपोर्ट | HezbollahRSS Chief Mohan Bhagwat Statement: भागवत का 'हिंदू' संदेश...'एकजुट हो देश' | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'दिल्ली को दिलाएंगे LG से मुक्ति', पूर्व CM अरविंद केजरीवाल का बड़ा बयान
'दिल्ली को दिलाएंगे LG से मुक्ति', पूर्व CM अरविंद केजरीवाल का बड़ा बयान
इस राज्य के स्कूली छात्राओं को हर महीने 1000, PG में 2500 रुपये, रिलीज हुई पहली किस्त
इस राज्य के स्कूली छात्राओं को हर महीने 1000, PG में 2500 रुपये, रिलीज हुई पहली किस्त
IND vs BAN 1st T20 Live Score: भारत ने बांग्लादेश को दिया सातवां झटका, वरुण चक्रवर्ती ने लिया विकेट
LIVE: भारत ने बांग्लादेश को दिया सातवां झटका, वरुण चक्रवर्ती ने लिया विकेट
'... उसी दिन हरियाणा में कांग्रेस के पक्ष में बन गया था माहौल', एग्जिट पोल के नतीजों पर बोले दीपेंद्र हुड्डा
'उसी दिन हरियाणा में कांग्रेस के पक्ष में बन गया था माहौल', एग्जिट पोल के नतीजों पर बोले दीपेंद्र हुड्डा
Jigra के प्रमोशन में लाल शरारा सूट में दिखा Alia Bhatt  का देसी लुक, सूट-बूट में नजर आए Vedang Raina
‘जिगरा’ के प्रमोशन में लाल शरारा सूट में दिखा आलिया भट्ट का देसी लुक
Iran Israel Conflict: इन कंपनियों पर पड़ सकता है ईरान-इजराइल विवाद का बुरा असर, दलाल स्ट्रीट पर सबकी नजर
इन कंपनियों पर पड़ सकता है ईरान-इजराइल विवाद का बुरा असर, दलाल स्ट्रीट पर सबकी नजर
बिजनेसमैन और कॉमेडियन की ऐसी जुबानी जंग कभी नहीं सुनी होगी, धड़ाधड़ हो रहे हमले, कोई नहीं मान रहा हार
बिजनेसमैन और कॉमेडियन की ऐसी जंग कभी नहीं सुनी होगी, धड़ाधड़ हो रहे हमले, कोई नहीं मान रहा हार
50 साल का हुआ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, गांवों की है रीढ़ और सरकार की मजबूत बाजू
50 साल का हुआ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, गांवों की है रीढ़ और सरकार की मजबूत बाजू
Embed widget