Eid-Ul-Fitr 2022: आज मनाई जा रही है ईद, जानें इस त्योहार को मनाने के पीछे कारण और तरीका
Happy Eid 2022: ईद के खास मौके पर लोग नए कपड़े पहनते हैं. साथ ही घरों में कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं जिसमें सबसे प्रमुख है सेवई. इस कारण ईद को मीठी ईद भी कहा जाता है.
Eid-Ul-Fitr 2022 Date and Time in India: मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार ईद है. आज यानी 3 मई 2022 को (Eid-Ul-Fitr 2022 Date) भारत समेत पूरी दुनिया में ईद का त्योहार (EID Festival) मनाया जा रहा है. इस त्योहार को रमजान के आखिरी दिन मनाया जाता है. ईद को इस्लामिक कलेंडर (Islamic Calendar) के दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन मानाया जाता है. बता दें कि ईद को मीठी ईद भी कहा जाता है.
ईद मनाए जाने का कारण
माना जाता है कि ईद के दिन पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी. इसके बाद इसी खुशी में सभी का मुंह मीठा कराया गया था. इसके बाद से इस दिन को ईद-उल-फितर का मीठी ईद के रूप में मनाया जाने लगा. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार हिजरी संवत 2 यानी 624 ईस्वी यानी करीब 1400 साल पहले इस त्योहार को पहली बार मनाया गया था. इसके बाद से ही इस दिन को हर साल सेलिब्रेट किया जाता है. कुरान की पवित्र किताब में भी रमजान के महीने को सबसे पाक महीना माना जाता है.
ईद के खास दिन को इस तरह मनाया जाता है
ईद के खास मौके पर लोग नए कपड़े पहनते हैं. इसके साथ ही घरों में कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं जिसमें सबसे प्रमुख है सेवई. इस कारण ईद को मीठी ईद भी कहा जाता है. इस त्योहार को भाईचारे और शांति का प्रतीक माना जाता है. लोग इस दिन एक दूसरे के गले लगाकर ईद की बधाई देते हैं और सेवई खिलाकर एक दूसरे का मुंह मीठा कराते हैं. ईद के मौके पर लोग एक दूसरे को गिफ्ट्स (Eid Gifts) भी देते हैं. बघर के बड़े बुजुर्ग घर के बच्चों को कई गिफ्ट या पैसे देते हैं. इसे ईदी (Eidi) के नाम से जाना जाता है. गरीबों को खाना और कपड़ा भी दान में दिया जाता है.
ईद के दिन घर पर बनते है कई स्वादिष्ट पकवान
ईद के खास मौके पर घरों में बिरयानी (Briyani), मीठी सेवई (Sewai) , मिठाई, निहारी, कबाब आदि जैसे कई पकवान बनते हैं. खास तौर पर घरों में कई तरह की सेवई बनती है. इस कारण इस त्योहार को मीठी ईद भी कहा जाता है. इसके साथ ही लोग अल्लाह को ईद के मौके पर शु्क्रिया भी आदा करते हैं.
30 दिन के रोजे के बाद आता है ईद का त्योहार
ईद से पहले 30 दिनों तक रोजा रखा जाता है. इस 30 दिनों में दुनियाभर के मुसलमान सूरज उगने से पहले सहरी (Sehri) करते हैं. इसके बाद उनका रोजा शुरू हो जाता है. रोजे के दौरान वह दिन भप न कुछ खाते है न ही कुछ पीते हैं. इसके बाद लोग शाम के समय में इफ्तारी के वक्त रोजा खोलकर इबादत करते हैं. पूरे रमजान महीने (Ramadan 2022) के दौरान लोग कई तरह के धर्म और परोपकार के कार्य करते हैं.
इस महीने में गरीबों की सहायता की जाती है और जकात दी जाती है. इसके साथ ही भूखों को भी खाना खिलाने का भी रमजान में विशेष महत्व है. रमजान के आखिरी दिन ईद का चांद दिखने के बाद लोग एक दूसरे को गले लगाकर एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद (EID Mubarak Baad) देते हैं.
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