अभी तक तो यही कहा जाता रहा है कि कोरोना वायरस महामारी से निजात के लिए वैक्सीन या दवा बहुत जरूरी है. लेकिन अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि यूरोप बिना कोविड वैक्सीन के रह सकता है. उसे सिर्फ स्थानीय स्तर पर महामारी को काबू में करने के लिए लॉकडाउन लगाने की जरूरत होगी.
यूरोप बिना कोविड वैक्सीन के रह सकता है
WHO के क्षेत्रीय डायरेक्टर हैन्स क्लूग ने स्काई न्यूज से कहा, "जिस दिन हम महामारी को रोक पाएंगे तो ये जरूरी नहीं कि वैक्सीन के जरिए ही संभव हो. ऐसा किया जा सकता है जब हम महामारी के साथ जीना सीख जाएं. और ऐसा कल ही हो सकता है." उनसे आनेवाले महीनों में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से बचने के लिए फिर से बड़े पैमाने पर लॉकडाउन की जरूरत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "नहीं." उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी. मगर स्थानीय स्तर पर लगाए जानेवाले लॉकडाउन के विकल्प को खारिज नहीं किया जा सकता.
क्या भविष्य में डोज का वितरण होगा समान?
कोविड वैक्सीन को आधिकारिक रूप से कोरोना वायरस के खिलाफ मान्यता मिलने के बाद अभी से उसके समान वितरण में भेदभाव की आशंका जताई जाने लगी है. दुनिया को कोविड वैक्सीन की जरूरी मात्रा मिलने पर शोधकर्ता संदेह जाहिर कर रहे हैं. उनका कहना है कि भविष्य में समान आधार पर कोविड वैक्सीन का मिलना मुश्किल होगा. अमीर और विकसित देशों ने खुद के लिए डोज को सुरक्षित कर लिया है. एएफपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय यूनियन, कनाडा और जापान ने करीब 3.1 बिलियन डोज को रखा है.
Health Tips: नियमित हॉट टब बाथ के हैं फायदे, शोध में दावा- दिल के रोग के खतरों को कर सकता है कम
लॉकडाउन के दौरान घर से काम करके तीन में से एक भारतीय ने हर महीने बचाए पांच हजार रुपये: सर्वे