शादी के बाद बहू अपने ससुर के साथ अपनी सास से अधिक अच्छे रिश्ते बना लेती हैं. क्योंकि ससुर पहले ही बहू को अपना लेते हैं. जबकि घर में अगर लड़ाई होती है तो मां-बहू के बीच होती है, ससुर-बहू के बीच ससुर बेटी जैसा रिश्ता मजबूत होता है. जैसे कि एक बेटी को अपने पिताजी के साथ एक दोस्ताना रिश्ता होता है, वैसा ही एक ससुर-बहू के बीच भी रिश्ता बनता है. बहू को अगर घर मैं एक अच्छा पति और अच्छा ससुर मिल गए तो वह आराम से शादी के रिश्ते को निभा सकती है. आइए आज जानते हैं कि ससुर अपने बहू के मुंह से क्या सुनना पसंद करते हैं.
मेरे पिताजी से कम नहीं
ससुर की स्थिति बहू के पिताजी की तरह होती है, लेकिन बहुत सी लड़कियाँ अपने ससुर में अपने पिताजी का रुप देख पाती हैं जबकि बहुत नहीं देख पाती है. हर ससुर कोशिश करते हैं कि उनकी बहू को उसके पिताजी की अभाव महसूस हो. इस प्रकार, बहुत से ससुर ये सुनना चाहते हैं कि बहू बोलें आप मेरे पिताजी से कम नहीं हैं.
वह परायी नहीं
कई सास बहू को दस प्रकार की प्रतिबंधना लगाती है, वहीं ससुर बहू को स्वतंत्रता देते हैं और उनका समर्थन करते हैं. उन्हें यह आशा है कि बहू हमेशा समझेगी कि इस घर में वह परायी नहीं हैं, जहां कोई उसे समझता नहीं है.
किसी चीज की चिंता नहीं
बिना कुछ कहे हर ससुर अपनी बहू के लिए घर के माहौल को हल्का बनाए रखने का प्रयास करते हैं. इसलिए, जब कोई कुछ बहू के खिलाफ कहता है, तो ससुर उसे डांटकर उन्हें चुप करा देते हैं. इस प्रकार एक बार ऐसी सहायता की मांग करना, उन्हें बताना कि जब वह हैं तो आपको किसी चीज की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, उन्हें खुश कर सकता है.