हार्ट इंसानी शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है. इंसान के सीने में बाईं ओर हार्ट एक दिन में लगभग एक लाख और एक मिनट में 60-90 बार धड़कता है. धड़कनों में अगर अचानक बदलाव आ जाए तो इससे हार्ट अटैक आ जाता है. हार्ट अटैक अचानक जरूर आता है लेकिन ये बिना संकेत दिए नहीं आता. हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारी के संकेत को नहीं समझ पाना मौत के आंकड़े बढ़ने का प्रमुख कारण है.


हार्ट अटैक की बीमारी बढ़ने के कारण


ये बीमारी हमारे खून में गंदगी बढ़ने की वजह से होती है जिससे खून गाढ़ा हो जाता है और हार्ट की नालियों में से निकल नहीं पाता है. जिसके कारण हार्ट को खून पम्प करने में अधिक जोर लगाना पड़ता है. खून के अधिक गाढ़ा होने पर नसों में ब्लॉकेज हो जाती है यानी हार्ट की नसों में खून के थक्के जमने लगते हैं. इससे दिल पर अधिक दबाव बढ़ता है और खून आगे नहीं पहुंच पाता. इस कारण व्यक्ति के सीने में तेज दर्द होने लगता है और फिर हार्ट अटैक आता है.


हालांकि, सीने में सभी दर्द हार्ट अटैक का संकेत नहीं होता. अगर आपको छाती के बीच में या आपकी बाहों, कमर के ऊपरी हिस्से में, जबड़े, गर्दन या पेट के ऊपरी हिस्से में नये तरह का दर्द 5 मिनट से ज्यादा हो, साथ ही सांस लेने में तकलीफ, पसीना, जी घबराना, थकान या चक्कर जैसे लक्षण दिखाई दें तो ये लक्षण हार्ट अटैक के सूचक हो सकते है. अलबत्ता, सीने का दर्द क्षण भर के लिए है या सुई की चुभन जैसा है तो इसका अन्य कारण भी हो सकता है.  


हार्ट अटैक के इन लक्षणों को पहचानें


हार्ट अटैक के लक्षणों को आप इस तरह पहचान सकते हैं. सीने में दर्द- सीने में दबाव, दिल के बीचोंबीच कसाव, शरीर के दूसरे हिस्सों में दर्द, जबड़े, गर्दन, पीठ और पेट की ओर जाता हुआ महसूस हो. अन्य लक्षणों में मन अशांत लगना या चक्कर आना, पसीने से तरबतर होना, सांस लेने में तकलीफ, मतली, बेचैनी महसूस होना, खांसी के दौरे, जोर-जोर से सांस लेना शामिल है.


हालांकि, दिल के दौरे में सीने में अक्सर जोर का दर्द उठता है, लेकिन कुछ लोगों को सिर्फ हल्के दर्द की शिकायत हो सकती है. कुछ मामलों में सीने में दर्द नहीं होता, विशेषकर बुजुर्गों, महिलाओं और डायबिटीज रोगियों में. दिल का दौरा भी अचानक आ सकता है. दिल का दौरा पड़ने से कार्डिअक अरेस्ट हो सकता है, जहां हार्ट विद्युत गड़बड़ी के कारण रुक जाता है. 


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