Breastfeeding Week: क्या आप जानते हैं कि ब्रेस्टफीडिंग से जुड़ी ये बातें सिर्फ मिथ हैं?
Myth About Breastfeeding: मां बीमार हो तो बच्चे को दूध ना पिलायें, मां जो खाना खाती है वो दूध के जरिये बच्चे के पेट में जाता है. ऐसे कई मिथ हैं जो ब्रेस्टफीडिंग के बारे में गलत है.
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Breast Feeding Week: 7 अगस्त तक ब्रेस्ट फीडिंग(Breast Feeding Week) वीक चल रहा है. इस ग्लोबल इवेंट का उद्देश्य है पूरी दुनिया में ब्रेस्टफीडिंग के प्रति जागरुकता बढ़ाना और इसके फायदे के बारे में बताना है. वैसे तो डॉक्टर्स भी ब्रेस्ट फीड से जुड़ी सही जानकारी देते रहते हैं लेकिन तब भी कुछ मिथ ऐसे हैं जिन पर महिलाएं भरोसा करती हैं. बच्चे को कब तक फीड कराना चाहिये, ब्रेस्ट फीड के दौरान दवा खा सकते हैं, ऐसी कई बातें हैं जिनके बारे में ज्यादातर महिलाओं को गलत धारणा होती हैं. जानिये ब्रेस्ट फीडिंग से जुड़े सबसे पॉपुलर मिथ जो सच नहीं हैं.
1- बच्चा होने के बाद सबसे पहले मदर का जो पीला गाढ़ा दूध निकलता है. उसे क्लीन नहीं करते बल्कि वो बच्चे को जरूर पिलाना चाहिये. कई बार महिलाएं सोचती हैं कि वो बेकार मिल्क है उसे क्लीन करके ही बच्चे को फीड कराना है जोकि बिल्कुल गलत है.
2- ब्रेस्ट फीडिंग के वक्त कोई मेडिसिन नहीं खानी चाहिये नहीं तो वो ब्रेस्ट फीड के साथ बच्चे में चली जाती है. ये बात सच नहीं हालांकि अगर आप कोई दवा खातें तो डॉक्टर की सलाह पर खायें या बच्चे के डॉक्टर को उस मेडिसिन के बारे में इंफॉर्म करें.
3- मां जो खाना खाती हैं वो ब्रेस्ट फीड के जरिये बच्चे में चला जाता है इसलिये भारी खाने से बच्चे को भी गैस हो सकती है. ये मिथ है क्योंकि ब्रेस्ट फीड एक हॉर्मोनल प्रोसेस है और उसमें मदर के खाने का कोई एसेंस नहीं जाता.
4- अगर मदर बीमार है तो बच्चे को ब्रेस्ट फीड नहीं कराना चाहिये ये मिथ भी बहुत कॉमन है. पहली बात तो ये है मदर को कौन सी बीमारी है ये डॉक्टर को बतायें और उसकी सलाह से काम करें. दूसरा नॉर्मल बीमार होने पर बच्चे को ब्रेस्ट फीड कराना बंद ना करें. आपकी बॉडी जो एंटीबॉडी बना रही है ब्रेस्ट फीड से बच्चे के अंदर वो ऑटोमेटिकली डेवलप हो जायेंगी.
5- जितना ज्यादा बच्चे को ब्रेस्टफीड करायें उतना अच्छा है ये बात सच नहीं. डॉक्टर्स के मुताबिक सिर्फ 6 महीने बच्चे को फुल मदर फीड पर रखें. इसके बाद सॉलिड खाना जरूर खिलायें. आप 2 साल तक बच्चे को ब्रेस्ट फीड करा सकती है. इसके बाद बच्चे को मदर मिल्क की जरूरत नहीं और उसे नॉर्मल मिल्क पिलायें. ये भी याद रखें कि 6 महीने के बाद सिर्फ फीड पर ना रखें बल्कि उसे सही मात्रा में खाना भी खिलायें वरना बच्चा कमजोर हो सकता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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