Banarasi Saree: शादी हो या अपने किसी करीबी का फंक्शन ट्रेडिशनल लुक ही हर कोई प्रेफर करता है. ट्रेडिशनल लुक एकदम धांसू हो और हर कोई देखता रह जाए इसके लिए महिलाएं या लड़कियां बनारसी साड़ी पहनना ही प्रेफर करती हैं. अब दिक्कत यह है कि आपको कैसे पता चलेगा कि आपने जो बनारसी साड़ी पहनी है वो असली है. क्योंकि जब आपने साड़ी खरीदी होगी, तो दुकानदार ने कई तरह के गारंटी दिए होंगे.  मैडम ये साड़ी यहां की है, साड़ी पर यह वाला वर्क किया हुआ है. इस धागे से काम है वो धागे से काम. ऐसी साड़ी आपको इतने दूर में नहीं मिलेगी. ऐसी सभी बातें सुनकर कोई भी इंप्रेस होकर साड़ी खरीद ही लेगा. आपकी प्रॉब्लम हम थोड़ी सी कम कर देते हैं.


इस आर्टिकल के जरिए ऐसे कई तरीके बताएंगे जिससे आप आराम से पता कर सकते हैं कि आपने जो बनारसी साड़ी पहनी है वो असली है या नकली.


बनारसी साड़ी ही क्यों नाम पड़ा
बनारसी साड़ी इसलिए नाम पड़ा क्योंकि उत्तर प्रदेश के बनारस के बुनकरों के द्वारा यह साड़ी बनाई जाती है. बनारसी साड़ी को बनाने के लिए एक पतली सी रेशम धागे का यूज किया जाता है. बनारसी साड़ी का अपना एक इतिहास है. ऐसा भी कहा जाता है कि राजा महाराजाओं के घरानों के लिए बनारसी साड़ी को असली सोने और चांदी के धागों से बनाया जाता था. 


बनारसी साड़ी पर बने डिजाइन से असली - नकली का करें फर्क


बनारसी साड़ियों में जो डिजाइन बनी होती है वह छोटी-छोटी और खूबसूरत होती है. एक असली बनारसी साड़ी की कीमत डिजाइन और उसके काम पर आधारित होती है. बनारसी साड़ी की कीमत 3,000 से शुरू होकर 2,00,000 तक हो सकती है. हालांकि, एक अच्छी बनारसी साड़ी की कीमत 8,000 से 10,000 के बीच होती है.


बनारसी साड़ी असली है इसका पहचानने का तरीका है इसकी डिजाइन और फेवरिक की क्वालिटी. बनारसी साड़ी के ऊपर बने डिजाइन बेहद पतले धागे से किए जाते हैं. जिसकी वजह से आप इसकी बुनाई देखकर ही पता लेंगे यह असली बनारसी साड़ी है.उत्तर प्रदेश के चंदौली,बनारस,जौनपुर,आजमगढ़,मिर्जापुर और संत रविदासनगर जिले में बनारसी साड़ियां बनाई जाती हैं. इसका कच्चा माल बनारस से आता है. 


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