Single mother dating tips: सिंग्ल मदर या सिंग्ल पैरेंट होने पर अक्सर इंसान बच्चों में उलझकर रह जाता है क्योंकि घर से लेकर बाहर तक की सारी जिम्मेदारी एक के ही सिर पर होती है. बच्चे की जिम्मेदारी उठाते हुए अगर कभी उसके जीवन में फिर से प्यार की आहट होती है तो उसके लिए फैसला लेना मुश्किल हो जाता है कि कहीं ये रिश्ता भी न चला तो या कहीं इस रिश्ते से बच्चे को कोई तकलीफ हुई तो. किसी की भी हर शंका का समाधान नहीं हो सकता लेकिन कुछ बातों पर जरूर काम किया जा सकता है.
न तो मन में गिल्ट रखें न ही बच्चे की बात छिपाएं –
किसी को डेट करते समय अपने अंदर किसी प्रकार का गिल्ट न रखें. सिंग्ल मदर होने का ये मतलब नहीं है कि आपकी अपनी इमोशनल नीड्स और डिजायर्स नहीं हैं. इसलि सबसे पहले अपने मन से किसी भी प्रकार का गिल्ट निकाल दें.
जैसे बच्चा होने के बाद आपको डेट करने में कोई शर्म नहीं वैसे ही अपने पार्टनर को शुरू में ही अपने बच्चे के बारे में बताने में भी शर्म न करें. शुरुआत सच्चाई से होनी चाहिए क्योंकि इसी पर आपके रिश्ते का भविष्य टिका है. अपने पार्टनर को जितना जल्दी हो सके बच्चे के बारे में बताएं.
धीरे-धीरे आगे बढ़ें और बैलेंस बनाकर रखें –
रोमांस और पैरेंटिंग के बीच बैलेंस बनाकर चलें. दोनों को ऐसे हैंडल करें ताकि दूसरा इग्नोर न हो. अगर आपका बच्चा बड़ा है तो वह पहले ही समझने लगेगा कि किसी नए के आते ही आप बदल गए और छोटा होगा तो आप खुद गिल्ट में आएंगे. इसलिए दोनों को संभालें.
दूसरी जरूरी बात कि किसी भी रिश्ते में धीरे-धीरे आगे बढ़ें. किसी प्रकार की जल्दबाजी न करें. पहले खुद श्योर हों और जब सब ठीक लगे तो बच्चों को इंट्रोड्यूज कराएं. बच्चों के साथ भी कुछ समय बीतने के बाद ही रिश्ते को आगे बढ़ाने के बारे में विचार करें.
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