एक्सप्लोरर

Banarasi Saree: आपकी बनारसी साड़ी असली है या नकली? ऐसे करें पहचान

भारत में अलग-अलग राज्य के पास अपनी खासियवत वाली खूबसूरत साड़ियां है, जिनका विदेशों में भी खूब बोल-बाला है. बनारसी साड़ी भी इन्हीं में से एक है. लेकिन क्या आपको इसके असली होने की पहचान पता है? जानें

बनारसी साड़ियां अपनी उत्तम दर्जे की शिल्प कला और हस्थकरघा को लेकर दुनियाभर में मशहूर है. इसपर किए जाने वाले जटिल डिजाइन, इस शहर की समृद्ध विरासत का प्रतीक है. भारत के वाराणसी शहर (जिसे पहले बनारस के नाम से जाना जाता था) से उत्पन्न हुई ये खूबसूरत साड़ियां सुंदरता और परंपरा को दर्शाती हैं. हालाँकि, इनकी लोकप्रियता के चलते, बाजार में नकली बनारसी साड़ियों की भरमार है, जो काफी दुखद है. अगर आप कभी बनारस जाएं और वहां से अपने किसी खास के लिए बनारसी साड़ी लाना चाहें, तो असली बनारसी साड़ी को पहचानने के लिए यहां कुछ बातें बताई गई हैं, जिनपर ध्यान देकर आप ठगे जाने से बच सकते हैं.

ऐसे करें असली बनारसी साड़ी की पहचान-

बुनाई की प्रामाणिकता

प्रामाणिक बनारसी साड़ियाँ शुद्ध रेशम या जॉर्जेट, ऑर्गेज़ा या शिफॉन जैसे रेशम-मिक्स कपड़ों का इस्तेमाल करके हाथ से बुनी जाती हैं. बुनाई की बारीकी से जांच करें. प्रामाणिक बनारसी साड़ियों की बनावट समृद्ध होती है, जिसमें जटिल डिजाइन्स को सटीकता के साथ कपड़े में बुना जाता है. लेकिन ध्यान रखें कि हाथ बुनाई में थोड़ी सी अनियमितता भी नजर आएगी, जो हथकरघा साड़ियों की विशेषता होती है. मशीनें की बुनाई में ऐसी खामियां आपको नहीं मिलेंगी. 

ज़री का काम

ज़री, या मेटल (सोने या चांदी) के धागों से की जाने वाली बुनाई बनारसी साड़ियों को दूसरे से अलग बनाती हैं. असली ज़री मेटल की पतली परत से लेपित शुद्ध चांदी या सोने के धागों से बनाई जाती है. ज़री के काम को ध्यान से जांचें. प्रामाणिक बनारसी साड़ियों में बारीक ज़री धागों से तैयार किए गए जटिल पैटर्न होते हैं, जो रोशनी में खूबसूरती से चमकते हैं. नकली साड़ियों में अक्सर सिंथेटिक या सस्ती क्वालिटी वाली ज़री का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें असली ज़री की चमक और सुंदरता का अभाव होता है.

डिज़ाइन

बनारसी साड़ियां मुगल कला, प्रकृति और बूटा (पैस्ले), फ्लोरल पैटर्न और ज्यामितीय आकृतियों से प्रेरित होकर बनाई जाती हैं. प्रामाणिक साड़ियाँ सटल लेकिन खूबसूरत शिल्प कौशल का प्रदर्शन करती हैं, जिसमें हर आकृति को कपड़े में जटिल रूप से बुना जाता है. असली बनारसी साड़ियां डिज़ाइन बनाने के लिए बुनाई तकनीक पर निर्भर करती हैं, कढ़ाई या छपाई पर नहीं.

वज़न 

असली बनारसी साड़ियों का वजन उनके निर्माण में इस्तेमाल होने वाले रेशम और ज़री की गुणवत्ता के कारण काफी बढ़ जाता है. जब आप असली बनारसी साड़ी पकड़ेंगे, तो आपको इसकी शानदार बनावट का एहसास होगा. इससे ऐश्वर्य और परिष्कार झलकता है. नकली साड़ियाँ हल्की और फीकी लग सकती हैं.

कीमत और स्रोत

असली बनारसी साड़ी की पहचान अकेले कीमत को देखकर नहीं की जा सकती क्योंकि बाजार में नकली साड़ियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं. असली बनारसी साड़ियों में काफी लेबर और मेहनत होती है, जो इसे हाई क्वालिटी वाली सामग्री से तैयार की जाती हैं, इसी के कारण उनके दाम काफी ज्यादा होते हैं. हालांकि, कम कीमत में आपको असली बनारसी नहीं मिल सकती. इसलिए इससे सावधान रहें, खासकर असत्यापित विक्रेताओं या संदिग्ध वेबसाइटों से. प्रामाणिक बनारसी साड़ियों की एक निश्चित कीमत सीमा होती है जो उनकी गुणवत्ता और शिल्प कौशल को दर्शाती है. प्रतिष्ठित दुकानों, प्रमाणित बुनकरों, या प्रामाणिक हथकरघा उत्पादों को बेचने के लिए जाने जाने वाले विश्वसनीय ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म से खरीदारी करें.

प्रमाणीकरण और लेबल

हथकरघा और पारंपरिक शिल्प को बढ़ावा देने के लिए शासी निकायों या संगठनों द्वारा सर्टिफिकेशन या लेबल दिए जाते हैं, जिन्हें आपको जरूर देखना चाहिए. कुछ बनारसी साड़ियाँ हथकरघा चिह्न या जीआई (भौगोलिक संकेत) टैग के साथ आती हैं, जो उनकी उत्पत्ति और प्रामाणिकता को दर्शाता है. इन लेबलों और प्रमाणपत्रों की विश्वसनीयता सत्यापित करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे नकली नहीं हैं.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Border Gavaskar Trophy: ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Maharahstra assembly elections 2024: महाराष्ट्र की 47 सीटों के नए Exit Poll में महायुति को मिल रही 38+ सीटें | Elections 2024Arvind Kejriwal News: Delhi चुनाव से पहले शराब घोटाले में केजरीवाल को बड़ा झटका! | ABP NewsBJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?बाबा बागेश्वर की 'सनातन हिन्दू एकता' पदयात्रा शूरू | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Border Gavaskar Trophy: ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन  के लक्षण और बचाव का तरीका
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन के लक्षण और बचाव का तरीका
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
Embed widget