कॉर्पोरेट कर्मचारियों में बढ़ रहा है फाइब्रोमायल्जिया बीमारी, जानिए क्या है वजह
फाइब्रोमायल्जिया, जिसे कॉर्पोरेट कर्मचारियों में बढ़ रही जीवनशैली समस्या के रूप में देखा जा रहा है, आइए जानते है क्या है वजह
Fibromyalgia : फाइब्रोमायल्जिया एक तरह की बीमारी है जिसमें लोगों को दर्द, थकान, और मानसिक तनाव की समस्या होती है, और यह आजकल कॉर्पोरेट कर्मचारियों में एक बढ़ती हुई लाइफस्टाइल समस्या के रूप में उभर रही है. फाइब्रोमायल्जिया एक आम लेकिन गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है जिसमें व्यक्ति को शरीर के विभिन्न भागों जैसे कि मांसपेशियों, जोड़ों और टेंडन में दर्द और अन्य समस्याएं होती हैं. इस बीमारी में मरीज को लगातार शारीरिक पीड़ा, थकान और सुस्ती महसूस करता है. मरीज को सुबह उठने पर शरीर में जकड़न और मांसपेशियों में दर्द महसूस होता है. फाइब्रोमायल्जिया से पीड़ित लोगों को नियमित दैनिक कार्य करने में कठिनाई होती है. चलने-फिरने, हल्के से भार उठाने और नींद आने में भी समस्याएं आती हैं. इस बीमारी का उपचार आराम, दवाएं और थेरेपी से किया जा सकता है. आइए जानते है फाइब्रोमायल्जिया जैसे बीमारी क्यों हो रही है.
1. अधिक काम का दबाव: कॉर्पोरेट सेटिंग में काम करने वाले लोग अक्सर बड़े दबाव में काम करते हैं, जिससे उन्हें तनाव और थकान का सामना करना पड़ता है. यह फाइब्रोमायल्जिया के लक्षणों को बढ़ा सकता है.
2. लंबे समय तक बैठना : कॉर्पोरेट माहौल में काम करने वाले लोग अक्सर लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहते हैं, जिससे मांसपेशियों में समस्या हो सकती है और दर्द की समस्या बढ़ सकती है.
3. खराब खान-पान और व्यायाम की कमी: सही आहार और नियमित व्यायाम के बिना, कर्मचारी के शारीरिक स्वास्थ्य में कमी आने लगता है, जिससे फाइब्रोमायल्जिया जैसे समस्या का खतरा बढ़ सकता है.
4. मानसिक तनाव: कर्मचारी को काम के पैमाने पर तनाव और दबाव होता है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है और फाइब्रोमायल्जिया के लक्षणों को बढ़ा सकता है.
5. समय की कमी: कर्मचारी के पास अक्सर अपने स्वास्थ्य के लिए समय नहीं होता, जिससे वे बीमारियों के खतरे से गुजरने लगते हैं.
इन सभी कारणों के कारण, फाइब्रोमायल्जिया को कॉर्पोरेट कर्मचारियों में एक नई तरह की लाइफस्टाइल समस्या के रूप में देखा जा रहा है. इसके लिए उपचार और स्वस्थ जीवनशैली के लिए जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि कर्मचारी इस समस्या से बच सकें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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