Gajra On Karwa Chauth: फूलों की रानी चमेली से बना गजरा जब किसी रानी के बालों में लगता है तो सुंदरता में चार-चांद लग जाते हैं. हिंदू धर्म में गजरा का विशेष महत्व है. पुराने समय में जब महिलाएं सोलह श्रृंगार करती थीं तो बालों में गजरा जरूर लगाती थीं. दक्षिण भारत में पूजा से लेकर फंक्शन और त्योहारों में महिलाएं गजरा जरूर लगाती हैं. आजकल गजरा लगाने का काफी फैशन है खासतौर से करवा चौथ पर महिलाएं बालों में गजरा जरूर लगाती हैं. चमेली के सुगंधित फूलों से बना गजरा सिर्फ देखने में ही सुंदर नहीं लगता बल्कि इसकी खुशबू किसी को भी दीवाना बना सकती है.
गजरे का धार्मिक महत्व
दरअसल गजरे का इसके फूलों की वजह से और भी बढ़ जाता है. गजरे में इस्तेमाल होने वाले सफेद और बेहद कोमल बेला-चमेली के फूल बहुत सुंदर लगते हैं. ये फूल देवी मां लक्ष्मी को बहुत पसंद हैं. देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए चमेली के फूल चढ़ाए जाते हैं. स्त्री को भी देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है यही वजह है कि उनके बालों में गजरा लगाने का चलन है.
करवा चौथ पर गजरे का महत्व
बालों में गजरा लगाना सौभाग्य और समृद्धि की निशानी माना जाता है. जिस तरह बालों में गजरा महकता है वैसे ही आपके रिश्ते में महक बरकरार रहे. वहीं सफेद फूल घर में सुख शांति का प्रतीक माने जाते हैं. मान्यता है कि बालों में गजरा लगाने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है. गजरा गलाने से पति पत्नी में प्रेम बना रहता है.
गजरा का इतिहास
प्राचीन काल से दक्षिण एशिया की महिलाएं श्रृंगार और आभूषण के तौर पर गजरे का इस्तेमाल करती रही हैं. पूजा, किसी उत्सव या शादी में गजरा लगाने का चलन है. मुख्य रूप से गजरा में चमेली के फूलों का इस्तेमाल किया जाता है. महिलाएं जूड़ा और बालों के साथ हाथों में भी गजरा पहनती हैं. कुछ लोग आज भी गजरे के ही आभूषण पहनते हैं.
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