Shardiya Navratri 2021: शारदीय नवरात्र कल यानी 7 अक्टूबर से शुरू होकर 15 अक्टूबर तक चलेगा. इस दौरान भक्तगण मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करेंगे और व्रत उपवास रखेंगे. व्रत के दौरान कुट्टू के आटे (Kuttu ka Atta), मिलावटी साबूदाना, आदि मार्केट में खूब बिकते हैं. ऐसे में यह बहुत मुश्किल होता है पहचानना की कौन सा सामान शुद्ध है और कौन मिलावटी है. मिलावटी खाद्य सामग्री खाने से अल्सर, पाइल्स, कैंसर और लीवर से संबंधित कई गंभीर बीमारियां हो सकती है. ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने वाले हैं जिससे आप आसानी से इन खाद्य पदार्थों में मिलावट पहचान सकते हैं. तो चलिए जानते हैं उन टिप्स के बारे में-
-कुट्टू के आटे का सेवन व्रत में खूब होता है. ऐसे में इसकी शुद्धता पहचानने के लिए चेक करें कि यह दरदरा है की नहीं. अगर यह मिलावटी होगा तो इसके रंग में बदलाव भी आ जाएगा.
-सिंघाड़े के आटे का सेवन भी व्रत के दौरान खूब होता है. आपको बता दें कि सिंघाड़े का आटा दरदरा होता है. वहीं मिलावटी आटे में अरारोट मिला होता है जिसमें चिकनाहट होती है. इसके साथ ही इसका रंग भी कुछ बदल जाता है.
-असली और मिलावटी साबूदाने में फर्क पहचानने के लिए साबूदाने का कुछ दाने को अपने मुंह में डाल लें. अगर यह दाने मुंह में किरकिरा महसूस हो रहे हो तो समझ लें कि यह साबूदाना नकली है.
-सेंधा नमक को जांचने के लिए आप इसे मुंह में रखकर देखें. अगर इसके स्वाद में आपको कुछ फर्क लग रहा है तो समझ यह मिलावटी सेंधा नमक.
मिलावटी खाद्य पदार्थ खाने के यह है नुकसान
डॉक्टरों के मुताबिक मिलावटी खाद्य पदार्थों से आपको बहुत नुकसान पहुंच सकता है. सिंघाड़े के आटे में चावल की भूसी अरारोट आदि की मिलावट की जाती है. इससे अल्सर जैसी बीमारियां हो सकती है. कुटटू के आटे में अरारोट, किनकी और काला रंग मिलाया जाता है जिससे पाइल्स की परेशानी हो सकती है. मिलावटी साबूदाना खाने से कई अंग डैमेज हो सकते हैं. यह किडनी और लिवर से जुड़ी बीमारियों का भी कारण बन सकता है.
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