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बंगाल के रसगुल्ले और ओडिशा के रसगुल्ले में क्या फर्क होता है?

रसगुल्ला एक ऐसी मिठाई है, जिसका नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है. ज्यादातर लोग इसे बंगाली मिठाई मानते हैं मगर ओडिशा खुद को रसगुल्ले का आविष्कारक मानती है. आइये जानते हैं इनके बीच का अंतर.

हम हमेशा से सुनते आए हैं कि खाने के अंत मिठाई के साथ करना चाहिए क्योंकि मिठाई व्यक्ति के जीवन में खुशियां लाती है. एक ऐसी ही मिठाई है, जिसे देश और दुनिया में खूब पसंद किया जाता है, लेकिन इसे लेकर दो राज्यों में आज भी खूब तनातनी देखने को मिलती है. रसगुल्ला (उड़िया संस्करण) और रौसोगुल्ला (बंगाली संस्करण) की लड़ाई आज तक खत्म नहीं हुई है. दोनों राज्यों को अपनी-अपनी तरह के रसगुल्लों के लिए अलग-अलग जीआई टैग मिलने के बावजूद अभी भी इस बात पर बहस जारी है कि रसगुल्ले का असली आविष्कारक कौन सा राज्य है. आप सोच रहे होंगे कि आखिर दोनों एक ही तो हैं, मगर ऐसा नहीं है. हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि आखिर रसगुल्ला और रौसोगुल्ला में क्या अंतर है.

रसगुल्ले का इतिहास

रसगुल्ला मूल रूप से एक भारतीय मिठाई है जो आमतौर पर सिरप में डूबी हुई होती है. भारतीय उपमहाद्वीप में लोकप्रिय मिठाइयों में से एक है, जिसकी केवल भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है. रसगुल्ला विभिन्न नामों, आकार, रंग, बनावट में आता है. इसे लेकर कई तरह के दावे में किए गए हैं. 

कई दावे कहते हैं कि जब पुर्तगाली भारत आए थे, तब उन्होंने छेना (जिसे उस समय पुर्तगालियों से बंगालियों ने अपनाया था) के साथ प्रयोग करना शुरू कर दिया था और इस तरह पश्चिम बंगाल में पहली बार रसगुल्ला बनाया गया था. जबकि बंगाल की पाक परंपराओं पर हुए रिसर्च में कहा गया कि 18वीं शताब्दी में अधिकांश बंगाली परिवारों में ओडिशा के रसोइये काम किया करते थे. तो यह संभव है कि उन्होंने ही इस नुस्खे को पेश किया हो.

वहीं, ओडिशा में माना जाता है कि रसगुल्ला की उत्पत्ति 11वीं शताब्दी में हुई थी और इस मिठाई की कहानी भगवान जगन्नाथ से नाराज देवी लक्ष्मी को मनाने से जुड़ी हुई है, जिसे आज ओडिशा में पहाला रसगुल्ला कहा जाता है.

बंगाली और ओडिशाई रसगुल्ले में अंतर क्या है?

ओडिशा के रसगुल्लों की बनावट लाल रंग की होती है साथ ही यब बहुत ही नरम, रसदार होते हैं. इन्हें चबाने की जरूरत नहीं पड़ती और यह मुंह में रखते ही घुल जाते हैं. वहीं, बंगाली रोसोगुल्ला आकार में गोलाकार, दूधिया सफेद रंग के होते हैं. और यह मूल रूप से स्पंजी होते हैं, जिन्हें चबाकर खाने में काफी आनंद आता है.

रसगुल्ला बनाने की विधि

रसगुल्ले के लिए इंग्रीडिएंट (4 सर्विंग्स)

2 लीटर दूध
1 1/2 कप चीनी
1 चम्मच गुलाब जल
3 बड़े चम्मच नीबू का रस
3 कप पानी
1 बड़ा चम्मच मैदा
2 चम्मच पीसी हुई हरी इलायची

रसगुल्ला कैसे बनाये

स्टेप 1 छेना तैयार करें
एक भारी तले का पैन लें और उसमें दो लीटर फुल-क्रीम दूध डालें. जब इसमें उबाल आ जाए तो आंच धीमी कर दें और नींबू का रस डालें. दूध को फटने में थोड़ा समय लग सकता है और आपको थोड़ा और नींबू का रस मिलाने की आवश्यकता हो सकती है. जब दूध फटने लगे तो आंच धीमी रखें और 2-3 मिनट तक उबलने दें ताकि मट्ठा और छेना अलग हो जाएं.

स्टेप 2 छेना को मट्ठे से छान लें
गैस बंद कर दीजिये. इस समय पर, आप हरा मट्ठा और पनीर या छेना स्पष्ट रूप से देख सकते हैं जो पानी से अलग हो जाएंगे. दोनों को छानकर अलग कर लें.

स्टेप 3 मट्ठा को छान लें
गर्म लिक्विड को 10-15 मिनट तक ठंडा होने दें. अब एक मलमल का कपड़ा या बड़ी छलनी लें और मट्ठा छान लें. नींबू की महक दूर करने के लिए इसे बहते पानी में धो लें. आप इस मट्ठे को स्टोर कर सकते हैं और इसे सूप और स्टू या करी में उपयोग कर सकते हैं. यह बहुत पौष्टिक होता है. कई लोग इसमें थोड़ा सा नमक या चीनी डालकर पीना भी पसंद करते हैं.

स्टेप 4 पानी को अलग होने दें
छेना के थोड़ा ठंडा होने पर इसे मलमल के कपड़े में बांध लीजिए, अतिरिक्त पानी निचोड़ दीजिए और कुछ देर के लिए ऐसे ही लटका रहने दीजिए. फ्रिज में न रखें नहीं तो छेना रबड़ जैसा हो जाएगा. इस प्रक्रिया में 3-4 घंटे लग सकते हैं.

स्टेप 5 चीनी की चाशनी तैयार करें
एक पैन में पानी गर्म करें. जब इसमें उबाल आ जाए तो इसमें चीनी डालें और धीमी आंच पर पकने दें. 10 मिनिट बाद चाशनी की एक बूंद चम्मच में निकाल कर चाशनी को चैक कीजिये. अगर यह एक तार की स्थिरता का है, तो आपकी चाशनी तैयार है. इसमें आधे नींबू का रस मिलाएं. यह बाद में सिरप को दानेदार बनाने से रोकेगा. साथ ही गुलाब जल और इलायची पाउडर भी डाल दीजिए. गैस बंद कर दीजिये.

स्टेप 6 छेना को गूथ लीजिये
छैना को मलमल के कपड़े से निकाल लीजिए और इसके कुछ हिस्से को हाथ से मसलते रहिए. इस समय, आप मैदा मिला सकते हैं. आपको इसे इतना रगड़ना है कि यह पूरी तरह से चिकना हो जाए और थोड़ा सा तेल छोड़ने लगे. एक बार जब आपका छेना काफी चिकना और बनावट में काफी हल्का हो जाए, तो चिकनी गोल आकार बनाएं और एक तरफ रख दें.

स्टेप 7 रसगुल्लों को उबालें
इस बीच चीनी की चाशनी को फिर से गर्म करें, जब तक कि यह उबलने की स्थिति तक न पहुंच जाए. सुनिश्चित करें कि आप छोटी-छोटी बॉल्स बनाएं क्योंकि चाशनी सोखने के बाद वे फूल जाएंगी।. रसगुल्लों को एक-एक करके चाशनी में डालें और सुनिश्चित करें कि पैन में पर्याप्त जगह हो. धीमी आंच पर 5-7 मिनट तक उबालें.

स्टेप 8 ढककर पकाएं
अब पैन को ढक दें और धीमी आंच पर 5-7 मिनट तक पकने दें. जब आप ढक्कन हटाएंगे तो आपको यह देखकर खुशी होगी कि रसगुल्ले फूल गए हैं और सुंदर दिख रहे हैं. आंच बंद कर दें और इसे ठंडा होने दें.

स्टेप 9 आनंद लें!
रसगुल्लों का आनंद गर्म या ठंडा दोनों तरह से लिया जा सकता है. आप इन्हें ऊपर से फल या आइसक्रीम के साथ भी खा सकते हैं. 

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