सैचुरेटेड फैट हमारे खाने की एक आम विशेषता बन गई है. लॉकडाउन में घरों में रहने के दौरान लोग अक्सर स्वादिष्ट भोजन बनाकर खाते हैं. एक नए अध्ययन के अनुसार, सैचुरेटेड फैट का ज्यादा मात्रा में सेवन व्यक्ति की एकाग्रता के स्तर को प्रभावित कर सकता है, तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि कैसे सैचुरेटेड फैट आपकी सेहत को प्रभावित कर सकता है.


सैचुरेटेड फैट का अधिक सेवन नुकसानदायक है
एक अध्ययन के अनुसार आहार के प्रभावकारी प्रभाव को देखते हुए, पहले के समय के काम को देखा गया है और यह सिर्फ एक भोजन था. जिसमें एक अंतर देखा गया. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि सूरजमुखी के तेल से बनाए गए भोजन में फैट की बड़ी मात्रा शामिल थी. दोनों ही मील में भारी मात्रा में फैट, ज्यादा सैचुरेटेड वाले भोजन का संज्ञानात्मक प्रभाव कम फैट वाले भोजन की तुलना में ज्यादा बड़ा हो सकता है.


प्रभावित होता है एकाग्रता का स्तर
एक और अध्ययन में महिलाओं को ज्यादा फैट वाले खाद्य पदार्थ परोसे गए और सटीक प्रेक्षण किया गया. इसमें पाया गया कि जिन महिलाओं ने सेचुरेटेड फैट वाला खाना खाया तो उनकी एकाग्रता में कमी देखी गयी.


सूजन शरीर बढ़ाता है और मस्तिष्क में
पहले किए गए अध्ययनों से साबित हुआ है कि किसी भोजन में सैचुरेटेड फैट की ज्यादा मात्रा होती है, तो यह आपके पूरे शरीर और दिमाग दोनों को ही प्रभावित करता है. इससे आपके शरीर और दिमाग में सूजन को बढ़ाता है. जो इंसान  कोविड-19 की स्थिति से परेशान हैं और ज्यादा फैट वाला खाना खाता है, तो उन लोगों की याददाश्त काफी कम होती है.



डॉक्टर की राय

एंडोक्राइनोलॉजिस्ट और डायबिटीज के विशेषज्ञ डॉक्टर अमित छाबरा का मानना है ''ज्यादा सैचुरेटेड फैट का सेवन हमारे मस्तिष्क की कार्यशैली एवम् एकाग्रता पर बुरा प्रभाव डालता है. इसीलिए अपने भोजन में कम वसा का प्रयोग करें, फल, सब्जी ,अनाज,  विटामिन्स मिनरल्स युक्त पदार्थ और ज्यादा जल का प्रयोग ज्यादा करें जिससे कि हमारे शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने की शक्ति उत्पन्न हो और हम अपने मस्तिष्क और ह्रदय के साथ इस शरीर को स्वस्थ बनाएं.”