फास्ट फूड: स्वाद के लिए सेहत के साथ खिलवाड़ से बचें, जानें इससे होने वाले पांच नुकसान
आधुनिक जीवनशैली में लोग इतना व्यस्त रहते हैं कि वह एक अच्छा भोजन करने के लिए भी समय नहीं निकाल पाते हैं. ऐसे में अक्सर वे फास्ड फूड खाकर ही अपना काम चलाते हैं. हालांकि लंबे समय तक फास्ट फूड का सेवन आपके सहत पर काफी बुरा प्रभाव डाल सकता है. श्रम सांख्यिकी ब्यूरो की जानकारी के अनुसार, परिवार का लगभग 45 फीसदी भोजन का बजट कहीं बाहर खाने पर खर्च होता है.
अगर आप बर्गर और फ्राइज लगातार खाने की आदत रखते हैं तो बहुत कम समय में समस्याग्रस्त हो सकते हैं. जो लोग फास्ट फूड उत्पादों नियमित रूप से सेवन करते हैं वे अक्सर सिरदर्द से पीड़ित रहते हैं. साथ ही उनमें अतिरिक्त वसा जमा होता है, जो उच्च रक्तचाप का कारण बन सकता है. ऐसे लोगों का कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी अनियंत्रित रहता है. यहां हम कुछ ऐसी ही शारीरिक समस्याओं को बताने जा रहे हैं, जो फास्ट फूड के अधिक सेवन से हो सकते हैं.
हृदय और पाचन तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव
अधिकांश फास्ट फूड उत्पाद आमतौर पर कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते होते हैं और इनमें फाइबर की मात्रा काफी कम होती है. जब पाचन तंत्र इन खाद्य पदार्थों को तोड़ता है तो रक्तप्रवाह में कार्ब्स ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है. यह प्रक्रिया शरीर में शर्करा स्तर को उच्च बनाती है, जो अधिक इंसुलिन जारी करती है. इंसुलिन आपके शरीर में शर्करा को उन कोशिकाओं तक पहुंचाने के लिए जिम्मेदार होता है, जिन्हें ऊर्जा के लिए इसकी आवश्यकता होती है. फास्ट फूड उत्पादों को खाने से शर्करा लेवल में वृद्धि होती है, जो इंसुलिन प्रतिक्रिया के साथ समस्याएं पैदा कर सकता है. इससे मधुमेह, वजन बढ़ने और इंसुलिन प्रतिरोध का खतरा बढ़ सकता है.
मधुमेह का खतरा
अधिकांश फास्ट फूड भोजन में उच्च शर्करा का स्तर होता है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की सिफारिश है कि सभी लोगों को प्रति दिन 150 कैलोरी या उससे कम चीनी मिलाना चाहिए, जो लगभग 9 चम्मच के बराबर है. यदि आप फास्ट फूड पेय का उपभोग करते थे तो आप बिना कुछ खाए उस सीमा को पार करते हैं. फास्ट फूड में ट्रांस वसा के उच्च स्तर भी पाए जाते हैं. यह आपके खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है, जिससे हृदय रोग और मधुमेह का खतरा बढ़ता है. पेस्ट्री, पिज्जा, कुकीज और तली हुई चीजों में यह वसा अधिक होता है.
एडिमा और सूजन की समस्या
फास्ट फूड खाने से नमक, चीनी और वसा के संयोजन से जल प्रतिधारण के साथ समस्याएं हो सकती हैं, जिसे एडिमा के रूप में जाना जाता है. इसमें खाने के बाद आप फूला हुआ या सूजा हुआ महसूस करते हैं. यह उच्च रक्तचाप की संख्या को भी बढ़ावा दे सकता है, जो खतरनाक हो सकता है.
मोटापे की समस्या
यदि आप फास्ट फूड के रूप में बहुत अधिक कैलोरी खा रहे हैं तो इसका परिणाम वजन में वृद्धि हो सकता है, जो जल्द ही आपको मोटापे की समस्या से ग्रस्त कर सकता है. जो लोग गंभीर रूप से अधिक वजन वाले होते हैं, उन्हें श्वसन संबंधी समस्याओं का अनुभव होता है और दिल तथा फेफड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है. यदि आप सीढ़ियों पर चढ़ने या घर के कामों को करने में सांस लेने में बदलाव को नोटिस करते हैं, तो आपको अपने खाने की आदतों पर बारीकी से नजर रखने की जरूरत है.
तंत्रिका और प्रजनन प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव
जब आप लगातार फास्ट फूड उत्पादों का सेवन करते हैं तो उन लोगों की तुलना में जो कम मात्रा में फास्ट फूड खाते हैं या पूरी तरह से इससे बचते हैं, की तुलना में अवसाद या अवसाद जैसे लक्षण विकसित होने की संभावना 51 फीसदी बढ़ जाती है. फास्ट फूड में पाए जाने वाले तत्व प्रजनन क्षमता पर भी प्रभाव डाल सकते हैं. कई प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में फथलेट्स नामक रसायन होते हैं, जो शरीर में हार्मोन की कार्यशैली में बदलाव लाते हैं. यह बदलाव जन्म दोष पैदा कर सकते हैं.