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Intresting Facts: जिन गोलगप्पों को बड़े शौक से खाते हैं आप, महाभारत काल में द्रौपदी ने किया था उनका आविष्कार
Intresting Facts:क्या आपने सोचा है कि आखिर ये गोलगप्पे आए कहां से होंगे. पहली बार इसे किसने बनाया था. अगर नहीं, तो आपको बता दें कि उसका इतिहास बड़ा ही रोचक है.
Golgappa Intresting Facts: गोलगप्पा, पानीपुरी, फुल्की, गुपचुप, पानी के बताशे या पुचका नाम अनेक लेकिन टेस्ट एक ही...गोलगप्पे का नाम कुछ भी हो लेकिन उसका टेस्ट ऐसा होता है कि नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है. यह भारत में काफी पसंद किया जाने वाला स्ट्रीट फूड है। पानीपुरी (Panipuri) का जो पानी होता है,उसका टेस्ट लाजवाब होता है और किसका ही मन खाने को न करता होगा. गोलगप्पा, आलू चने के साथ हो या आलू मटर के साथ, या फिर तीखी-मिठी चटनी के साथ स्वादिष्ट ही होता है. वैसे तो इसे हर कोई बड़े ही चाव से खाता है लेकिन महिलाओं को गोलगप्पों का शौक ज्यादा होता है. इसका इतिहास भी महाभारत काल की एक महिला से जुड़ा है. इसकी पौराणिक कहानियां (Mythological Stories) भी प्रचलित हैं. आइए जानते हैं क्या है इसका रोचक इतिहास..
पहली बार किसने बनाए गोलगप्पे
बताया जाता है कि गोलगप्पों की शुरुआत महाभारत काल (Mahabharata Period) से है. पहली बार द्रौपदी ने पांडवों के लिए टेस्टी पानीपुरी बनाई थी. कहानी है कि जब पांडवों से शादी के बाद द्रौपदी अपने ससुराल पहुंची तो पांडवों की मां कुंती ने बहू द्रौपदी की परीक्षा लेने की सोची. उस वक्त पांडवों का वनवास चल रहा था और घर पर ज्यादा कुछ खाने को भी नहीं थे तो कुंती देखना चाहती थीं कि उनकी बहू किस तरह अच्छे से घर संभाल सकती हैं. एक दिन की बात है कि कुंती ने द्रौपदी को कुछ बचे हुए आलू, थोड़ा आटा और मसाले देते हुए कुछ स्वादिष्ट बनाने को कहा. कुछ ऐसा जिससे पांडवों का पेट भर जाए और स्वाद भी आ जाए. द्रौपदी ने इसी आटे की पूरी बनाई और उसमें आलू और तीखा पानी भरकर पांचों पांडवों के सामने परोसा. गोलगप्पे खाकर पांडव खुश हो गए. उन्हें यह व्यंजन पसंद भी आया और उनका पेट भी भर गया. इससे कुंती भी काफी प्रसन्न हो गईं. माना जाता है यहीं से गोलगप्पे बनाने की शुरुआत हुई औ इसे बनाने का आइडिया मिला.
पानीपुरी का मगध से कनेक्शन
ऐसा भी कहा जाता है कि फुल्की यानी पानीपुरी पहली बार मगध में बनाई गई थी. यह आज दक्षिणी बिहार के नाम से जाना जाता है। हालांकि उस समय इसका नाम क्या हुआ करता था इसकी कोई जानकारी नहीं है. लेकिन कई जगहों पर इसके प्राचीन नाम फुल्की का जिक्र जरुर मिलता है. ऐसा इसलिए भी दावा किया जाता होगा, क्योंकि इतिहास के अनुसार, गोलगप्पे में इस्तेमाल किया जाने वाला आलू और मिर्च, दोनों ही करीब 300-400 साल पहले भारत आए. इसलिए पानीपुरी की शुरुआत मगध से मानी जाती है.
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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