Oily Food Side Effects: रोज के खाने में तेल (Cooking Oil) एक जरूरी चीज है और लगभग हर खाने (Dish) में इसका इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन Oil जहां डेली डाइट (Daily Diet) में होना जरूरी है, वहीं इसकी मात्रा का भी ध्यान आपको रखना चाहिए.


ऐसे लोग जो फास्ट फूड, स्नैक का सेवन ज्यादा करते हैं, उन्हें सेहत से जुड़ी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. जानिए खाने में तेल की ज्यादा मात्रा कैसे आपके शरीर को प्रभावित करती है.


पाचन से जुड़ी समस्याएं


खाने में तेल की मात्रा ये तय करती है कि आपकी बॉडी में कितना फैट जा रहा है. फैट जितना ज्यादा होगा, डाइजेस्टिव सिस्टम पर दबाव उतना ही बढ़ेगा. अधिक मात्रा में तेल के सेवन से पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. इससे पेट में दर्द, पेट फूलने, डायरिया और उल्टी आने की प्रॉब्लम हो सकती है.


वजन बढ़ सकता है


ऑयली फूड में कैलोरी की ज्यादा मात्रा होती है. इससे वजन बढ़ सकता है. जितना चिकनाई युक्त भोजन आप करते हैं, उतना ही कैलोरी काउंट बढ़ता है. इससे फैट बढ़ता है और तोंद निकलने की समस्या हो सकती है.


हृदय रोगों का खतरा


तैलीय खाने का हार्ट पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इससे आपका ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है, जो आपकी हार्ट हेल्थ के लिए नुकसानदायक है. रेगुलर तैलीय भोजन करना आपको हृदय रोगों के खतरे को बढ़ा देता है.


मुहांसों की समस्या


खाने में ज्यादा तेल की मात्रा स्किन को भी नुकसान पहुंचाती है. जैसे जैसे आप अपनी डाइट में ​चिकनाई युक्त चीजों को शामिल करते हैं, मुहांसों की समस्या बढ़ने लगती है. अगर आपकी स्किन ऑयली तो ये आपके लिए और ज्यादा नुकसान पहुंचाने वाला होगा.


डायबिटीज


Oily food से टाइप टू डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है. अधिक तेल का सेवन आपके ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकता है. स्टडीज में ऐसा पाया गया है कि अगर आप रेगुलर तैलीय खाना खाते हैं तो इससे टाइप टू डायबिटीज का खतरा 15 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. 


ऐसी समस्याओं से बचने के लिए अपनी डाइट का ख्याल रखें, चिकनाई युक्त भोजन और ऑयल इनटेक को कंट्रोल करें.


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