Watermelon Day: गर्मियों के सीजन में तरबूज खाना बेहद फायदेमंद होता है. यह 90% पानी से बना होता है. स्वाद के साथ ही यह सेहत के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद होता है. तरबूज की इन्हीं विशेषताओं को बताने के लिए हर साल 3 अगस्त को तरबूज दिवस मनाया जाता है. वैसे तो बाजार में लाल लाल तरबूजों की बेहद मांग होती है. लेकिन क्या कभी आपने पीला तरबूज देखा है. जी हां, इन दिनों पीले तरबूज की डिमांड भी बहुत ज्यादा बढ़ गई है. यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है और लाल तरबूज से महंगा भी होता है. तो चलिए आज तरबूज दिवस के मौके पर हम आपको बताते हैं पीले तरबूज के बारे में.

 

क्यों मनाया जाता है तरबूज दिवस

कहा जाता है कि तरबूज की खेती दूसरी सहस्राब्दी ईसा पूर्व में नील घाटी में शुरू हुई थी. तरबूज दिवस के पीछे की अवधारणा बहुत ही सरल है; यह सब इस स्वादिष्ट फल का जश्न मनाने के बारे में है. तरबूज एक ऐसा फल है जिसका आनंद पूरी दुनिया में लिया जाता है. न केवल इसका स्वाद स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह बहुत सारे पोषण लाभ देता है.

 

कैसे मनाएं ये खास दिन


तरबूज ज्यादातर पानी से बने होते हैं,लेकिन क्या होगा अगर आप उस पानी में से कुछ को जूस या कोल्ड ड्रिंक से बदल दें?  तरबूज में एक छेद काटकर, एक फ़नल डालकर और कुछ अपनी फेवरेट ड्रिंक डालकर अपने दोस्तों के साथ एंजॉय कर सकते हैं. सब एक साथ बैठकर तरबूज़ का लुत्फ़ उठा सकते हैं. उसका जूस पी सकते हैं. इसके अलावा तरबूज़ पर इस दिन कई लोग क्रिएटिविटी भी करते हैं. 


 

पीले तरबूज की विशेषताएं

दुनिया में पीले तरबूज की खेती सबसे पहले अफ्रीका में हुई थी. इसे सिट्रुलस लैनाटस के नाम से भी जाना जाता है. भारत में कर्नाटक के अलावा महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में भी इसकी खेती होती है. भारत में अमूमन लाल रंग के तरबूज ही बेचे जाते हैं लेकिन विदेशों में पीले रंग के तरबूज की डिमांड की बहुत होती है.

 

पीले तरबूज में पाए जाने वाले पोषक तत्व 

पीले तरबूज की मिठास लाल तरबूज से ज्यादा होती है और यह पोषक तत्वों में भी लाल तरबूज से ज्यादा फायदेमंद होता है. इसमें मैग्नीशियम, फास्फरोस के जैसे कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसकी पैदावार गर्मी के दिनों में ही होती है. ये वेट लॉस में मदद करता है और पाचन के लिए भी बेहद फायदेमंद है.

 

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