दूध पीना अधिकतर लोगों को पसंद होता है. लोग रोजाना सुबह और शाम गिलास भरके दूध पीते हैं. यही नहीं कहा जाता है कि दूध पीने से इंसान स्वस्थ रहता है इस वजह से बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर कोई दूध पिता है. दूध पीना अब लोगों की आदत में आ गया है. लेकिन क्या आप जानते हैं दूध दो प्रकार के होते हैं. आज हम आपको दूध के दो प्रकार बताएंगे, जिसे A1 और A2 कहां जाता है. इसी को लेकर एफएसएसएआई ने हाल ही में एक बड़ा दावा भी किया है. आइए जानते हैं इसके बारे में. 


A1 और A2 में अंतर


दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन को कैसीन कहते हैं और कैसीन दो प्रकार के होते हैं, पहला A1 जिसे पचने पर पेप्टाइड बनता है. इसे बीटा कैसोमॉर्फीन-7 (बीसीएम-7) कहते हैं. जानकारी के मुताबिक यह पाचन तंत्र और मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है. इसके अलावा दूसरा होता है A2 कैसीन, जिसके पचने से बीसीएम 7 नहीं बनता है.


दोनों दूध में मामूली सा अंतर होता है. A1 और A2 दूध में प्रोटीन की संरचना अलग होती है. जो गाय की नस्ल के आधारित होती है. लेकिन हाल ही में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने A1 और A2 को लेकर एक निर्देश जारी किया है, आइए जानते हैं उस निर्देश के बारे में. 


एफएसएसएआई (FSSAI) का निर्देश 


फूड रेगुलेटर एफएसएसएआई (FSSAI) ने हाल ही में ई-कॉमर्स सहित कई कंपनियों को पैकेट से A1 और A2 प्रकार के दूध सहित कई मिल्क प्रोडक्ट से दावो को हटाने का निर्देश दिया है. यही नहीं एफएसएसएआई ने इन सभी लेवल को भ्रामक बताया है.


जानकारी के मुताबिक एफएसएसएआई ने कंपनियों को लेबल खत्म करने के लिए 6 महीने का वक्त दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ लोगों का मानना है कि A1 और A2 दूध पचाने में आसान होता है और इससे पाचन संबंधित समस्याएं भी नहीं होती है.


यही नहीं कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक A2 दूध टाइप डायबिटीज और हार्ट की बीमारियों को काम करता है. कुछ लोग A2 दूध को ज्यादा पौष्टिक मानते हैं, लोगों का मानना है कि A2 दूध में कैल्शियम और खनिज की मात्रा ज्यादा पाई जाती है. फिलहाल एफएसएसएआई ने A1 और A2 दूध के लेबलिंग पर कुछ नए नियम बनाए हैं. फिलहाल A1 और A2 दूध पर कई सारे अध्ययन किए जा रहे हैं.


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